आचार्य चाणक्य चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु और सलाहकार थे. उन्होंने अपनी बुद्धिमत्ता और नीतियों से ही नंद वंश को नष्ट कर मौर्य वंश की स्थापना की थी. आचार्य चाणक्य ही चंद्रगुप्त को अपनी नीतियों के बल पर एक साधारण बालक से शासक के रूप में स्थापित किया. आचार्य चाणक्य की अर्थनीति, कूटनीति और राजनीति विश्वविख्यात है. हर एक को प्रेरणा देने वाली है. अर्थशास्त्र के मर्मज्ञ होने के कारण इन्हें कौटिल्य कहा जाता था. आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र के जरिए जीवन से जुड़ी समस्याओं का समाधान बताया है.
आचार्य चाणक्य ने मनुष्य के गुणों और अवगुणों के बारे में भी बताया है. आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में मनुष्य के रिश्तों को लेकर भी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है. आचार्य चाणक्य ने स्त्रियों के तीन ऐसे गुणों का वर्णन किया है जो उसे श्रेष्ठ बनाते हैं. जिस व्यक्ति की पत्नी में ये गुण होते हैं, वे बहुत भाग्यशाली होते हैं.
धर्म का पालन करने वाली
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि स्त्री हो या पुरुष उसे धर्म का पालन अवश्य करना चाहिए। जो स्त्री धर्म का पालन करने वाली होती है, वह सही और गलत का भेद भली प्रकार से से समझती है. धर्म का पालन करने वाली स्त्री सदैव सत्कर्मों की ओर प्रेरित होती है. ये अपनी संतान को सुसंस्कारी बनाती हैं. ऐसी स्त्री सदैव अपने कर्तव्यों का निर्वहन करती हैं. धर्म के मार्ग पर चलने वाली स्त्री न केवल स्वयं सम्मान प्राप्त करती है बल्कि पूरे परिवार का मान बढ़ाती हैं.
विनम्रता और दयालुता
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि स्त्री में दायलुता और विनम्रता का गुण होना चाहिए जिससे वह सदैव परिवार और रिश्तों को संजोकर रखती है. ये हमेशा दूसरों की भलाई के बारे में सोचती हैं. ऐसे परिवार में हमेशा सुख शांति का वास होता है. जिस व्यक्ति की पत्नी में ये गुण होते हैं, उसका परिवार खुशहाल रहता है.
धन का संचय करने वाली स्त्री
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि बुरे समय में धन व्यक्ति के काम आता है और खराब परिस्थितियों से निकालने में सहायक होता है. जिस व्यक्ति की पत्नी में धन के संचय करने की आदत होती है, वह व्यक्ति आसानी से बुरे समय को पार कर लेता है.
Source : News Nation Bureau