पूरे देश में गणेश उत्सव की धूम है. लेकिन बप्पा की विदाई का वक्त आ गया है. 10 दिन की मंगलकारी पूजा के बाद अब श्री गणेशा 19 सितंबर 2021 को विदाई लेंगे. अनंत चतुर्दशी पर गणपति भगवान अगले साल आने का वादा कर विदाई लेंगे. अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है. इस बार अनंत चतुर्दशी पर मंगल बुधादित्य योग बन रहा है, जिसकी वजह से व्रत और पूजा करने वाले भक्तों के लिए ये दिन अत्यंत फलदायी होगा. ज्योतिषाचार्य की मानें तो अनंत चतुर्दशी पर इस बार मंगल, बुध और सूर्य एक साथ कन्या राशि में विराजमान रहेंगे, जिसकी वजह से मंगल बुधादित्य योग बन रहा है. इस योग में की गई पूजा अर्चना का महालाभ मिलता है.
भगवान विष्णु की होती है पूजा
इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है. भगवान विष्णु को अनंत सूत्र से बांधा जाता है. अनंत धागा रेशम या फिर कच्चे धागे से बना होता है. पूजा करने के बाद इसे बाजू पर बांधा जाता है. जिसमें 14 गांठ लगानी होती है. बाजार में 14 गांठ वाला अनंत धागा मिलता है. मन से अनंत पूजा करने से सारी बाधाओं से मुक्ति मिलती है. घर में संपदा आती है.
अनंत चतुर्दशी पूजा मुहूर्त
अनंत चतुर्दशी पर पूजन के लिए शुभ मुहूर्त 19 सितंब सुबह 6.07 बजे से शुरू होगा
अगले दिन 20 सितंबर सुबह 5.30 बजे तक रहेगा.
अनंत चतुर्दशी पर पूजा विधि
सुबह उठकर स्नान आदि करें. फिर स्वच्छ कपड़े पहने.
पूजा स्थल पर कलश स्थापित करेंगे. वहां पर भगवान विष्णु की तस्वीर या प्रतिमा लगाए.
भगवान को स्नान कराए. वस्त्र धारण कराए. कुमकुम लगाए.
एक धागे को कुमकुम, केसर और हल्दी से रंगकर अनंत सूत्र बनाएं.
धागे में 14 गांठ लगाए.
फिर दूध में अनंत धागा डाले.
भगवान पर इसे चढ़ाएं. प्रसाद चढ़ाए. दीपक दिखाए.
पूजा करते वक्त इस मंत्र का जाप करें.
'अनंत संसार महासुमद्रे मग्रं समभ्युद्धर वासुदेव। अनंतरूपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते।।'
इसके बाद अनंत सूत्र को बाजू में बांध लें.
माना जाता है कि इस सूत्र को धारण करने से संकटों का नाश होता है. शारीरिक कष्ट दूर होते हैं.
Source : News Nation Bureau