Advertisment

Anantapadmanabha Lake Temple: जानें क्यों खास था अनंतपद्मनाभ झील मंदिर का ये अनोखा रक्षक

Anantapadmanabha Lake Temple: अनंतपद्मनाभ झील मंदिर का अनोखा रक्षक था बाबिया मगरमच्छ, यह मंदिर के एक महत्वपूर्ण आकर्षण और धार्मिक महत्व का प्रतीक था. आइए जानें इसकी खासियत

author-image
Ritika Shree
New Update
Anantapadmanabha Lake Temple crocodile

Anantapadmanabha Lake Temple crocodile ( Photo Credit : Social Media)

Advertisment

Anantapadmanabha Lake Temple: केरल के अनंतपुरा गांव में स्थित अनंतपद्मनाभ झील मंदिर (Anantapadmanabha Lake Temple) के एक खास मगरमच्छ की बात करेंगे. यह मंदिर एक प्रमुख हिन्दू धार्मिक स्थल है जो अपने प्राचीनता और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है. यहां का बाबिया मगरमच्छ भी दर्शकों को अपनी अद्वितीयता के लिए प्रभावित करते हैं. इस मगरमच्छ को देखने के लिए लोग दिनभर यहां आते हैं और उनकी अनोखी विशेषता को देखने का आनंद लेते हैं. केरल के अनंतपुरा गांव में स्थित अनंतपद्मनाभ झील मंदिर अपनी भव्यता और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है. इस मंदिर के प्रांगण में स्थित झील में कई दशकों से एक मगरमच्छ रहता था, जिसे 'बाबिया' नाम से जाना जाता था. बाबिया एक शाकाहारी मगरमच्छ था, जो मंदिर में बने प्रसाद को खाकर अपना पेट भरता था. मंदिर के पुजारियों और भक्तों का मानना था कि यह मगरमच्छ भगवान विष्णु का वाहन है और यह मंदिर की रक्षा करता है.

बाबिया के बारे में कुछ रोचक तथ्य

बाबिया लगभग 80 वर्षों तक मंदिर की झील में रहता था.

यह 7 फीट लंबा और 200 किलोग्राम वजनी था.

यह मंदिर में बने 'अप्पम' और 'अविल' नामक प्रसाद को खाता था.

यह मंदिर के पुजारियों और भक्तों को डराता नहीं था, बल्कि उन्हें देखकर पानी में इधर-उधर तैरता था.

9 अक्टूबर 2022 में, बाबिया मृत पाया गया, जिसके बाद मंदिर में शोक मनाया गया.

बाबिया की मृत्यु: बाबिया 9 अक्टूबर 2022 में मृत पाया गया. मंदिर प्रशासन का मानना है कि बाबिया की मृत्यु प्राकृतिक कारणों से हुई. बाबिया की मृत्यु के बाद मंदिर में शोक मनाया गया और कई लोगों ने उसे श्रद्धांजलि दी. बाबिया के मृत्यु के 41 दिनों के बाद भक्तों ने मंदिर परिसर में एक स्मारक कार्यक्रम भी आयोजित किया था.

बाबिया का महत्व: बाबिया मंदिर के लिए एक महत्वपूर्ण आकर्षण था. यह मंदिर की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा बन गया था. बाबिया की मृत्यु मंदिर के लिए एक बड़ी क्षति है.

कई पीढ़ियों से मंदिर की रक्षा: लोककथाओं में ये कहा गया है कि , एक अकेला मगरमच्छ कई वर्षों तक मंदिर की रखवाली करता है, बाबिया उस वंश का तीसरा मगरमच्छ है. ऐसी मान्यता है कि, अगर रखवाली करने वाले मगरमच्छ की मृत्यु हो जाती है तो उसके तुरंत बाद एक नया मगरमच्छ दिखाई देने लगता है.

अनंतपद्मनाभ झील मंदिर का मगरमच्छ बाबिया एक अद्भुत जीव था. यह मंदिर के लिए एक महत्वपूर्ण आकर्षण और धार्मिक महत्व का प्रतीक था. बाबिया की मृत्यु मंदिर के लिए एक बड़ी क्षति है, लेकिन उसकी यादें हमेशा मंदिर के पुजारियों और भक्तों के दिल में रहेंगी.

Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप visit करें newsnationtv.com/religion

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Source : News Nation Bureau

Religion News in Hindi रिलिजन न्यूज Religion News Religion kerala temple Dharm Anantapadmanabha Lake Temple crocodile of Anantapadmanabha Lake Temple famous south Indian temples धर्म
Advertisment
Advertisment
Advertisment