Ancestors Blessings: हिंदू धर्म शास्त्रों में पितरों या पूर्वजों का विशेष स्थान है. ये सदैव हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं. उनका सम्मान और स्मरण करना एक महत्वपूर्ण धार्मिक कर्तव्य माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि हमारे पूर्वजों का आशीर्वाद हमें जीवन में सफलता, खुशी और समृद्धि प्राप्त करने में मदद कर सकता है. इसके साथ ही ये घर-परिवार की सुख शांति में अहम भूमिका निभाते हैं. ज्योतिष शास्त्र में पितरों को खुश करने के कई तरीके बताए गए हैं. अगर आप इनका आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो आपको इन उपायों को जरूर अपनाना चाहिए.
1. तर्पण
तर्पण एक हिंदू अनुष्ठान है जिसमें जल, चावल, तिल और जौ जैसे पदार्थों को देवताओं और पितरों को अर्पित किया जाता है. यह माना जाता है कि तर्पण से पितरों की आत्मा को तृप्ति मिलती है और वे हमें अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं.
2. पिंडदान
पिंडदान एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है जो पितरों की आत्मा की शांति के लिए किया जाता है. इसमें आटे, घी और गुड़ से बने पिंडों को पितरों को अर्पित किया जाता है. पवित्र नदियां जैसे गंगा या यमुना के तट पर में पिंडदान करना अधिक शुभ माना जाता है.
3. श्राद्ध
श्राद्ध एक ऐसा अवसर है जब हम अपने मृत पूर्वजों को याद करते हैं और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं. इसमें पितरों के नाम का तर्पण, पिंडदान और दान करना शामिल होता है. श्राद्ध आमतौर पर मृत्यु की तिथि पर या मृत्यु के बाद आने वाले पितृ पक्ष में किया जाता है.
4. दीपदान
दीपदान का अर्थ है दीप जलाना. यह एक सरल लेकिन शक्तिशाली उपाय है जो पितरों को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है. ज्योतिष की मानें तो दीपदान शाम के समय करना चाहिए और इसे घर के मंदिर में या किसी पवित्र स्थान पर किया जा सकता है.
5. दान
दान करना एक पुण्य कार्य माना जाता है जो पितरों को प्रसन्न करने में भी मदद करता है. पितरों को खुश करने के लिए आप आप गरीबों या जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन का दान कर सकते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau