Anger In Life: क्रोध एक भाव है जो व्यक्ति को कठिन परिस्थितियों में जकड़ लेता है. सामान्य तौर पर क्रोध आना स्वाभाविक है. लेकिन क्रोध अगर तीव्र हो और हर छोटी बड़ी बात पर आए तो यह विनाश का सूचक बन जाता है. धर्म शास्त्रों और पौराणिक कथाओं में तो क्रोध को व्यक्ति का सबसे बड़ा शत्रु माना गया है. क्रोध व्यक्ति से न सिर्फ दूसरों का अपितु खुद का भी अहित करवाता है. आज हम आपको अपने लेख में क्रोध से जुड़ी कुछ बातें बताने जा रहे हैं जो न सिर्फ आपको दंग कर देंगी बल्कि आप में एक सकारात्मक बदलाव भी लाएंगी.
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- गलती और गुस्सा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. अगर आप से कोई गलती हो जाए तो आपको अकारण ही क्रोध आने लगता है और अगर आप गुस्से में हैं तो गलती पर गलती करते चले जाते हैं. ऐसे में जब गुस्सा शांत होता है तब आप जान पाते हैं कि आपके द्वारा की गई गलतियों का क्या प्रभाव पड़ रहा है या पड़ने वाला है.
- क्रोध को झट से जाहिर कर देना फिर भी ठीक माना जाता है उस परिस्थिति से कि आप क्रोध को अपने भीतर पाल रहे हैं. क्योंकि मन में पल रहा क्रोध कब विकराल रूप ले ले इसका आपको अनुमान तक नहीं लग पाता और दूसरों का अहित होते होते उसका नकारात्मक प्रभाव आप पर और आपके जीवन पर भी दिखने लग जाता है.
- अमूमन तौर पर क्रोध करते समय लोग यही सोचते हैं कि वह दूसरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. लेकिन असल में क्रोध का भयंकर असर उन्हें ही अंदर ही अंदर ख़त्म कर रहा होता है.
- शास्त्रों के अनुसार, सही होने पर व्यक्ति को क्रोध प्रकट करने की आवश्यकता नहीं और अगर व्यक्ति ने कोई गलती की है तो उसे क्रोधित होने का कोई अधिकार नहीं.