Apara Ekadashi 2023 : सभी एकादशी का अपना एक अलग महत्व है. जिसमें से ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन पड़ने वाली अपरा एकादशी का विशेष महत्व है. वहीं इस बार ये एकादशी दिनांक 15 मई दिन सोमवार को रखा जाएगा. इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा करने का विशेष विधि-विधान है. इतना ही नहीं, इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए खास पूजा की जाती है, साथ ही दान-पुण्य भी करने का विधान है. ऐसा कहा जाता है कि अपरा एकादशी के दिन व्रत रखने स और पितरों की पूजा करनेसे प्रेत योनि से भी मुक्ति मिल जाती है.
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जानें पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है
ज्योतिष के हिसाब से इस साल अपरा एकादशी का व्रत दिनांक 15 मई को रखा जाएगा, इसे अचला एकादशी के नाम भी जाना जाता है.
शुभ मुहूर्त - दिनांक 15 मई को सुबह 02 बजकर 46 मिनट से लेकर दिनांक 16 मई को 01 बजकर 03 मिनट तक रहेगा.
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अपरा एकादशी के दिन व्रत रखने से मिलती है प्रेत योनि से मुक्ति
ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी के अनुसार इस साल प्रत्येक माह में दो एकादशी आती है. जिसमें एक शुक्ल पक्ष की एकादशी होती है, तो एक कृष्ण पक्ष की एकादशी होती है. साल में कई एकादशी व्रत का त्योहार मनाया जाता है. जिसका अपना एक अलग इतिहास है और अलग मान्यता भी है. लेकिन ज्यादातर सभी एकादशी में भगवान श्री हरि विष्णु की विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है. अब इस बार दिनांक 15 मई को अपरा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. जिनके पूर्वज प्रेत योनि में भटकते हैं, उसे इस दिन खास पूजा करना चाहिए और व्रत रखना चाहिए. इससे उनके बेटे को शांति मिलती है और जीवन में आ रही सभी परेशानियां भी दूर हो जाती है.