सिख संगठन अखिल भारतीय शिरोमणि सिंह सभा ने सुप्रीम कोर्ट में सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के लिए एक समान और गैर-मनमानी नीति लागू करने की मांग की है. वकील दुर्गा दत्त के माध्यम से दायर याचिका में दलील दी गई है कि दसवें सिख गुरु 'गुरु गोविंद सिंह' की जयंती महत्वपूर्ण है, जो सिख समुदाय के लिए एक धार्मिक प्रतीक है. याचिका में कहा गया है कि अब तक उनकी जयंती के लिए देश भर में सार्वजनिक अवकाश घोषित नहीं किया गया है, जिसका सिख संगठन को गहरा दुख है.
याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि दसवें सिख गुरु की जयंती देश भर में 'प्रकाश पर्व' के रूप में मनाई जाती है और इसे सार्वजनिक छुट्टी के साथ संपूर्ण देश में आयोजित किए जाना चाहिए, ताकि लोगों में देशभक्ति, राष्ट्रवाद और भाईचारे की भावना पैदा हो सके.
याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से गुहार लगाते हुए कहा है कि गुरु गोविंद सिंह की जयंती पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा के माध्यम से भारत के लोगों के बीच एकता, अखंडता और बंधुत्व की भावना को बढ़ावा मिलेगा और यह चीज आम जनता को देशभक्ति, राष्ट्रवाद और भाईचारे के उच्च आदशरें का पालन करने के लिए प्रेरित करेगी.
दलील में यह भी कहा गया है कि सिख धर्म 2.58 करोड़ लोगों के साथ दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा धर्म है.
याचिकाकर्ता ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह अन्याय के खिलाफ खड़े रहे और उनकी शिक्षाएं आने वाले समय में भी प्रासंगिक रहेंगी. याचिकाकर्ता ने कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की आकस्मिक प्रतिक्रिया का हवाला देते हुए कहा कि फिलहाल प्रकाश पर्व को राजपत्रित सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है.
संगठन ने केंद्र के साथ-साथ सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को भी पक्षकार (पार्टी) बनाया है.
Source : IANS