Shivling Tripund: इस तरीके से लगाएं शिवलिंग पर त्रिपुंड, मिलेगा लाभ

Shivling Tripund: त्रिपुंड शिवलिंग पर तीनों दिशाओं में लगाया जाता है: ऊपरी, अग्रिम, और पीछे. इसका अर्थ होता है कि शिव परमात्मा की त्रिशक्ति को साकार करना.

Shivling Tripund: त्रिपुंड शिवलिंग पर तीनों दिशाओं में लगाया जाता है: ऊपरी, अग्रिम, और पीछे. इसका अर्थ होता है कि शिव परमात्मा की त्रिशक्ति को साकार करना.

author-image
Inna Khosla
New Update
Shivling Tripund

Shivling Tripund( Photo Credit : News Nation)

Shivling Tripund: शिवलिंग पर त्रिपुंड लगाना शिव पूजा में एक महत्वपूर्ण प्रथा है. यह एक प्रकार का चूर्ण होता है, जो गोबर और गंगा जल से बनाया जाता है. त्रिपुंड शिवलिंग पर तीनों दिशाओं में लगाया जाता है: ऊपरी, अग्रिम, और पीछे. इसका अर्थ होता है कि शिव परमात्मा की त्रिशक्ति को साकार करना. इस प्रक्रिया के दौरान त्रिपुंड को भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग के ऊपर स्थान किया जाता है, और यह उसकी पूजा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह प्रथा शिव पूजा के दौरान भक्तों के द्वारा अभिवादन और समर्पण का प्रतीक है, जो उनके आदर्श और निष्काम भक्ति को दर्शाता है. इसके अलावा, त्रिपुंड का आवाहन भगवान शिव के आशीर्वाद का चिन्ह माना जाता है. शिवलिंग पर त्रिपुंड लगाने की सही विधि शास्त्रों में विस्तार से बताई गई है. त्रिपुंड लगाने से पहले कुछ आवश्यक बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है

Advertisment

1. सामग्री:

भस्म: भस्म त्रिपुंड लगाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण सामग्री है. यह गोबर, लकड़ी, या अन्य प्राकृतिक पदार्थों को जलाकर प्राप्त की जाती है.
चंदन: चंदन का उपयोग त्रिपुंड को सुगंधित और ठंडा रखने के लिए किया जाता है.
जल: जल का उपयोग त्रिपुंड को पतला करने और शिवलिंग पर लगाने के लिए किया जाता है.

2. शुद्धि: त्रिपुंड लगाने से पहले स्नान करके स्वच्छ होना ज़रूरी है. शिवलिंग को भी जल और दूध से स्नान कराना चाहिए. 

3. त्रिपुंड लगाने की विधि: भस्म, चंदन, और जल को मिलाकर त्रिपुंड तैयार करें. अपनी तर्जनी, मध्यमा, और अनामिका उंगलियों को त्रिपुंड में डुबोएं. शिवलिंग के मध्य में एक ऊर्ध्वाधर रेखा खींचें. शिवलिंग के बाईं ओर एक तिरछी रेखा खींचें. शिवलिंग के दाईं ओर एक तिरछी रेखा खींचें. त्रिपुंड को शिवलिंग पर समान रूप से फैलाएं. 

4. ध्यान: त्रिपुंड लगाते समय भगवान शिव का ध्यान करें. शिव मंत्रों का जाप करें.

5. आरती: त्रिपुंड लगाने के बाद भगवान शिव की आरती करें. यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि त्रिपुंड लगाने की विधि अलग-अलग शास्त्रों में थोड़ी भिन्न हो सकती है.

त्रिपुंड लगाते समय ध्यान में रखें ये बातें: त्रिपुंड लगाने के लिए हमेशा ताजा भस्म का उपयोग करें. त्रिपुंड को शिवलिंग पर सावधानी से लगाएं. त्रिपुंड लगाने के बाद अपने हाथों को धो लें. 

त्रिपुंड लगाने का महत्व: त्रिपुंड भगवान शिव का प्रतीक है. त्रिपुंड को लगाने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है. त्रिपुंड को लगाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. त्रिपुंड को लगाने से मन शांत होता है. अगर आप शिवलिंग पर त्रिपुंड लगाने की सही विधि जानना चाहते हैं, तो आप किसी विद्वान या पुजारी से सलाह ले सकते हैं.

Source : News Nation Bureau

Religion News in Hindi रिलिजन न्यूज Religion News Religion shivling tripund tripund shivling par tripund kaise banaye tripund tilak tripund tilak kaise lagaye
      
Advertisment