Ashadh Amavasya 2022 Mahatva: आषाढ़ अमावस्या का सिर्फ पितरों से नहीं है नाता, दोहरे महत्व और रहस्य को समेटे हुए है ये काली रात

Ashadh Amavasya 2022 Mahatva: हिंदू धर्म में आषाढ़ मास की अमावस्या बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस दिन किसी पवित्र नदी, सरोवर में स्नान और पितरों के निमित्त दान व तर्पण करने का विधान रहता है. इसके अलावा इस दिन पितरों के लिए व्रत करने का भी विधान है.

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Gaveshna Sharma
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आषाढ़ अमावस्या की काली रात ला रही है दोहरी सौगात ( Photo Credit : News Nation)

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Ashadh Amavasya 2022 Mahatva: हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार आषाढ़ मास की अमावस्या तिथि 28 जून 2022 को है. चंद्र मास के अनुसार आषाढ़ वर्ष का चौथा माह होता है. इसके बाद वर्षा ऋतु की शुरुआत हो जाती है. हिंदू धर्म में आषाढ़ मास की अमावस्या बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस दिन किसी पवित्र नदी, सरोवर में स्नान और पितरों के निमित्त दान व तर्पण करने का विधान रहता है. इसके अलावा इस दिन पितरों के लिए व्रत करने का भी विधान है. इससे आपके ऊपर पितरों का आशीर्वाद बना रहता है. लेकिन बता दें कि आषाढ़ अमावस्या का नाता सिर्फ पितरों से ही नहीं है बल्कि इस काल रात में दो रहस्यों का बसेरा है. 

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आषाढ़ अमावस्या का दोहरा महत्व (Significance Of Ashadh Amavasya)
- अमावस्या तिथि पर कई लोग अपने पितरों को प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध कर्म करते हैं. इस दिन पितृ तर्पण, नदी स्नान और दान-पुण्य आदि करना ज्यादा फलदायी माना जाता है. इतना ही नहीं यह तिथि पितृ दोष से मुक्ति दिलाने में सहायक मानी गई है. अत: पितृ कर्म के लिए यह तिथि बेहद शुभ मानी जाती है.

- भारत एक कृषि प्रधान देश है. अच्छी फसल के लिए यहां के किसान वर्षा के देवता इंद्र और भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं. आषाढ़ अमावस्या के दिन कृषि यंत्रों की विधि विधान से पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि आषाढ़ अमावस्या के दिन पूजा पाठ करने से  फसल का उत्पादन ज्यादा होता है. जिससे जन जीवन खुशहाल हो जाता है.

आषाढ़ अमावस्या की तिथि और मुहूर्त (Tithi And Shubh Muhurt Of Ashadh Amavasya)
- आषाढ़ अमावस्या की तिथि का प्रारंभ 28 जून दिन मंगलवार प्रातः काल 5:53 से होगा.
- आषाढ़ अमावस्या तिथि का समापन 29 जून दिन बुधवार सुबह 8:23 पर होगा.
- आषाढ़ अमावस्या का व्रत और पूजन 28 जून को किया जाएगा.

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