Ashadha Amavasya 2023: आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को सूर्य भगवान की पूजा के साथ पिंडदान करना बहुत ही शुभ माना जाता है. हिंदू पंचांग में आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की शुरुआत दिनांक 17 जून दिन सोमवार को सुबह 08 बजकर 30 मिनट पर हो रही है. इस दिन नाराज पितरों को मनाने की खास मान्यता है. ऐसा कहा जाता है कि अगर आपसे पितृ नाराज होते हैं, तो घर में कलह-कलेश की स्थिति पैदा होने लग जाती है, साथ ही पूरे परिवार का विकास रुक जाता है. इसलिए इस दिन पितरों को पिंडदान करना बहुत ही जरूरी होता है.
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अगर आपसे पितृ हैं नाराज, तो ऐसे पहचानें उनकी नाराजगी
1. अगर आपके घर की दीवार पर पीपल का पेड़ उग जाए.
2. घर में हमेशा लड़ाई-झगड़ा होता रहता है.
3. किसी भी कार्य में सफलता नहीं मिलती है.
4. परिवार में एक के बाद एक सदस्य बीमार होता रहता है.
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पितरों की शांति के लिए इस विधि से करें पूजा
पितरों की शान्ति के लिए आषाढ़ माह के अमावस्या के दिन पिंडदान करें. उनका श्राद्ध कर्म करें. ब्राह्मणों को दान दें और उन्हें भोजन कराएं. कौआ, गाय, पक्षियों को भोजन दें. पितर दोष से मुक्ति के लिए गौदान भी किया जाता है.
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जानें पूजा का शुभ मुहूर्त
आषाढ़ माह के अमावस्या के दिन दिनांक 17 जून को पितरों की पूजा का समय सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर 2:30 मिनट तक है. इस समय में आपको पितरों के निमित्त श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण आदि करना चाहिए.
इस मंत्र का करें जाप
1. ऊँ नम: शिवाय मंत्र का करें जाप
2. ऊँ सूर्याय नम:
3. ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें