Ashadha Amavasya Upay : इस साल दिनांक 18 जून को आषाढ़ अमावस्या है और दिनांक 17 जून को दर्श अमावस्या है. इस माह में पितरों की पूजा विशेष रूप से की जाती है. अगर आपकी कुंडली में पितृदोष या फिर कालसर्प दोष है और आप उससे मुक्ति पाना चाहते हैं, तो इस दिन कुछ ऐसे ज्योतिष उपाय हैं, जिन्हें विशेष रुप से करना चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ अमावस्या के दिन स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में आषाढ़ अमावस्या के दिन पितृ दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए कुछ उपायों के बारे में बताएंगे, साथ ही आषाढ़ अमावस्या का शुभ मुहूर्त क्या है.
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आषाढ़ अमावस्या का शुभ मुहूर्त
आषाढ़ कृष्ण अमावस्या तिथि की शुरूआत दिनांक 17 जून दिन शनिवार को सुबह 09 बजकर 11 मिनट से लेकर दिनांक 18 जून को सुबह 10 बजकर 06 मिनट पर इसकी समाप्ति होगी.
स्नान और दान का शुभ मुहूर्त दिनांक 18 जून को सुबह 07 बजकर 08 मिनट से 12 बजकर 37 मिनट तक है.
कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए करें ये ज्योतिष उपाय
1. अगर आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है, तो आषाढ़ अमावस्या के दिन भगवान शिव की विधि-विधान के साथ पूजा करें. यह पूजा राहुकाल में करनी चाहिए. क्योंकि कुंडली में में राहु और केतु की विशेष स्थिति के कारण कालसर्प दोष बनता है.
2. अमावस्या के दिन सुबह स्नान करने के बाद नदी के तट पर नाग और नागिन के जोड़े की विशेष पूजा करें. ये जोड़ा सोना या फिर चांदी का बनवा सकते हैं. फिर पूजा के बाद उस जोड़े को जल में प्रवाहित कर दें. इससे आपको कालसर्प दोष से मुक्ति मिल जाएगी.
पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए करें ये उपाय
1. पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए सुबह स्नान के बाद पितरों को जल से तर्पण करें. पितरों के निमित्त कपड़े, अन्न आदि का दान करें, साथ ही गरीब ब्राह्मण को भोजन कराएं.
2. पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए पितृ स्तोत्र का पाठ करें. इससे पितृ जल्द प्रसन्न होंगे.