Advertisment

Ashadh Month Som Pradosh Vrat 2022 Mahatva: सुखमय जीवन की प्राप्ति और मानसिक कष्ट से मुक्ति का इकलौता मार्ग है 'सोम प्रदोष व्रत', जानें इसका महत्व

Ashadh Month Som Pradosh Vrat 2022 Mahatva: आषाढ़ के महीने में शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाएगा. ऐसी मान्यता है कि जिन लोगों का चंद्र कमजोर होता है उन्हें सोम प्रदोष व्रत रखने से जीवन में सुख शांति प्राप्त होती है.

author-image
Gaveshna Sharma
New Update
Ashadh Month Som Pradosh Vrat 2022 Mahatva

मानसिक कष्ट से मुक्ति का इकलौता मार्ग है 'सोम प्रदोष व्रत'( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

Ashadh Month Som Pradosh Vrat 2022 Mahatva: सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा करने का विधान है. सोम प्रदोष व्रत 11 जुलाई यानी कि आज रखा जा रहा है. यह व्रत रखने से जीवन में सुख शांति आती है और चंद्र दोष दूर होता है. आषाढ़ के महीने में शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाएगा. ऐसी मान्यता है कि जिन लोगों का चंद्र कमजोर होता है उन्हें सोम प्रदोष व्रत रखने से जीवन में सुख शांति प्राप्त होती है. कारोबार उन्नति करता है. पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 11 जुलाई दिन सोमवार को 11:13 से हो रहा है. त्रयोदशी तिथि का समापन 12 जुलाई दिन मंगलवार को 7:46 पर होगा. सोम प्रदोष पूजा का शुभ मुहूर्त 7:22 से रात 9:24 तक रहेगा.

यह भी पढ़ें: Vidur Niti: इन बुरी आदतों पर आज ही लगा लें रोक, जीवन को कर देती हैं बर्बाद

सोम प्रदोष व्रत 2022 महत्व (Som Pradosh Vrat 2022 Importance)
सोमवार प्रदोष व्रत अखंड सौभाग्य प्राप्त करने के लिए रखा जाता है. इसी दिन जया पार्वती व्रत भी है. अतः सोमवार के दिन पूजा-पाठ और अर्चना करने से व्रत रखने से भगवान भोलेनाथ के साथ-साथ माता पार्वती का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा. अखंड सौभाग्य और घर की उन्नति के लिए जया पार्वती का व्रत रखा जाता है. माता पार्वती की कृपा से घर धन-धान्य से परिपूर्ण हो जाएगा. लोगों को आर्थिक और मानसिक कष्ट से मुक्ति मिल जाएगी.

धार्मिक ग्रंथों में प्रदोष व्रत की बहुत महिमा बताई गई है. इस दिन सच्चे मन से प्रदोष काल में भगवान शिवशंकर जी की पूजा करने से जहां सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है, वहीं मोक्ष की प्राप्ति होती है. अत: इस दिन भगवान शिव जी को प्रसन्न करने के लिए यह प्रदोष व्रत पूरे मन से करना चाहिए. मान्यतानुसार एक प्रदोष व्रत करने का फल दो गायों का दान करने के बराबर मिलता है. प्रदोष में बिना कुछ खाए ही व्रत रखने का विधान है.

ऐसा करना संभव न हो तो एक बार फल खाकर उपवास कर सकते हैं. सोम प्रदोष व्रत रखने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है तथा चंद्र ग्रह के दोष दूर होते है. जिन जातकों के कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो, उन्हें सोम प्रदोष व्रत अवश्य ही करना चाहिए. ज्ञात हो कि आषाढ़ मास में सोम प्रदोष व्रत के दिन ही जया पार्वती व्रत भी पड़ रहा है और इसमें माता पार्वती का पूजन किया जाता है. यह व्रत अखंड सौभाग्य की प्राप्ति देने वाला माना गया है. अत: इस सोमवार का महत्व और अधिक बढ़ गया है. 

उप-चुनाव-2022 Bhagwan Shiv Mata Parvati Som Pradosh Vrat 2022 pradosh vrat 2022 Som Pradosh Vrat 2022 Mahatva
Advertisment
Advertisment