Ashadha Month 2023 : हिंदू पंचांग के हिसाब से चौथे माह से आषाढ़ की शुरूआत हो जाती है. वहीं इस बार आषाढ़ माह दिनांक 05 दिन सोमवार से शुरु होने जा रहा है. इसमें लोगों को जल का उपयोग बहुत ही सोच समझकर करना चाहिए. इस माह में साफ जल पीना चाहिए. क्योंकि इस माह में बारिश होने से जल जीव ज्यादा हो जाते हैं और इससे कई सारी जल से संबंधित बीमारियां भी पनपने लग जाती है. अगर धार्मिक दृष्टि से देखा जाए, तो आषाढ़ माह भगवान विष्णु, सूर्य, मंगल और मां दूर्गा को समर्पित है. इसे मनोकामना पूर्ति मास भी कहा जाता है. इस माह में तीन ऐसे काम होते हैं, जिन्हें करने से व्यक्ति की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं और धन संपत्ति में भी वृद्धि होती है. वहीं आषाढ़ माह में चातुर्मास भी शुरु हो जाता है, जिसमें सभी शुभ काम बंद कर दिए जाते हैं. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि आषाढ़ माह का महत्व क्या है, इस माह में कौन से तीन काम करना शुभ माना जाता है.
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जानें इस माह का नाम आषाढ़ कैसे पड़ा ?
आषाढ़ माह का नाम उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के नाम पर पड़ा है. वहीं हिंदू कैलेंडर के हिसाब से हर मास का नाम उस नक्षत्र पररखा गया है, जिसमें पूर्णिमा के दिन चंद्रमा स्थित होता है.
इस बार साध्य योग में आषाढ़ माह का होगा शुभारंभ
आषाढ़ माह कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को दिनांक 4 जून दिन रविवार को सुबह 09 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर अगले दिन दिनांक 5 जून दिन सोमवार को सुबह 06 बजकर 38 मिनट तक रहेगा. इस दिन सूर्योदय शाम 05 बजकर 23 मिनट पर हो रहा है. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर ही आषाढ़ कृष्ण प्रतिपदा 5 जून को है. इसका शुभांरंभ साध्य योग में होने जा रहा है.
इस दिन धन संपत्ति की प्राप्ति के लिए करें ये 3 काम
1. आषाढ़ माह को मनोकामना पूर्ति का मास कहा जाता है. इस माह में आप जितना आप भगवना विष्णु की पूजा करेंगे. उतना आपको लाभ होगा.
2. आषाढ़ माह में भगवान विष्णु के साथ जल देवता की पूजा भी अवश्य करनी चाहिए. इससे धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है और मंगल देव की भी पूजा करनी चाहिए. इससे जीवन में कभी कोई परेशानी नहीं आती है.
3. आषाढ़ माह में ही गुप्त नवरात्रि आती है. अगर आप मां दुर्गा के आशीर्वाद की प्राप्ति चाहते हैं, तो गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा अवश्य करें.