Ashadha Month 2023 : आषाढ़ माह की शुरुआत दिनांक 5 जून से होने जा रहा है और इसका समापन दिनांक 3 जुलाई को होगा. आषाढ़ का महीना मनोकामना पूर्ति वाला कहा जाता है. इस साल देवशयनी एकादशी दिनांक 29 जून को है. यानी कि इस दिन भगवान विष्णु पूरे 5 महीने के लिए योग निद्रा में चले जाएंगे और फिर कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होगा. वहीं आषाढ़ मास दिनांक 5 जून से लगने जा रहा है. इसके बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि यानी कि देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जाग जाते हैं. अब ऐसे में इन 5 महीने की अवधि में शुभ मांगलिक कार्य जैसे कि विवाह, मुंडन जैसे काम नहीं किए जाते है.लेकिन हर महीने की तरह इस माह के भी कुछ नियम होते हैं, जिनका पालन करना बेहद जरूरी है और इससे शुभ फल की प्राप्ति भी होती है.
इस माह में भूलकर भी न करें ये काम
1. इस माह में सोना वर्जित होता है. जो व्यक्ति इस माह में सोता है, उससे मां लक्ष्मी रूठ जाती हैं और व्यक्ति के जीवन में परेशानियां आने लग जाती है.
2. आषाढ़ महीने की देवशयनी एकादशी से चातुर्मास की शुरुआत हो जाती है. इसमें भूलकर भी मांगलिक कार्य करने से बचना चाहिए. वरना व्यक्ति के जीवन में सिर्फ मुश्किलें ही मुश्किले आती है.
3. आषाढ़ से बारिश शुरू हो जाती है, ऐसे में जल में जीव-जंतु पनपने लग जाते हैं. इसलिए इस दौरान खान-पान का खास ख्याल रखें. बासी, तला भोजन करने से बचें, नहीं तो पेट संबंधी समस्या होने लग जाती है.
4. आषाढ़ में हरी पत्तेदार सब्जियां, बेल, मांस, मछली, मदिरा, बैंगन, मसूर की दाल, लहसुन-प्याज नहीं खाना चाहिए. इससे व्रत और जप का फल नहीं मिलता है.
5. आषाढ़ माह में देव के सोने के बाद प्रेत शक्तियों का प्रभाव बढ़ जाता है. जो हमें नकारात्मक कर देता है. इसलिए इस समय पूजा-पाठ करना चाहिए.