Hindu Mythology: हिंदू धर्म के प्रचलित पद्म पुराण में भगवान शिव और देवी पार्वती की पुत्री अशोक सुंदरी के बारे में भी पढ़ने को मिलता है. कथा के अनुसार, पार्वती जी ने कल्प वृक्ष से पुत्री मांगी थी. जो पुत्री माता पार्वती को प्राप्त हुई माता ने उसका नाम अशोक सुंदरी रखा, जिसका विवाह नहूश से होना तय हुआ था. लेकिन, जब हुंड नामक राक्षस ने विवाह का प्रस्ताव रखा और छल से अपहरण कर लिया तो फिर क्या हुआ ये कथा भी बेहद प्रचलित है. किस तरह नहूश ने हुंड को मारा और कैसे भगवान शिव और माता पार्वती की पुत्री अशोक सुंदरी से उनका विवाह हुआ आइए जानते हैं.
पद्म पुराण में भगवान शिव और देवी पार्वती की पुत्री अशोक सुंदरी का वर्णन मिलता है. कथा के अनुसार, एक बार शिव जी और पार्वती नंदन बन गए थे जहां पार्वती जी ने इच्छा पूरा करने वाला कल्प वृक्ष देखा, क्योंकि पार्वती जी के पुत्र कार्तिकेय कैलाश छोड़कर चले गए थे. पार्वती जी ने अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए कल्प वृक्ष से एक पुत्री मांगी. उनकी ये इच्छा पूरी हुई और एक खूबसूरत पुत्री अशोक सुंदरी का जन्म हुआ. पार्वती जी ने उसके जन्म के समय ही उसका विवाह चंद्रवंश के नहोश से करवाने की भविष्यवाणी की थी.
एक बार अशोक सुंदरी नन्द वन में घूम रही थी तब हुंड नामक एक राक्षस ने उन्हें देखकर विवाह करने का प्रस्ताव रखा. देवी ने राक्षस के प्रस्ताव को स्वीकार नही किया और उसे नहूस से विवाह की भविष्यवाणी के बारे में बताया. अगले दिन हुंड ने एक विधवा का वेश धारण करके छल से अशोक सुंदरी को अपने साथ चलने के लिए कहा.
देवी को जब राक्षस के धोखे का पता चला तो उन्होंने उसे नहूश द्वारा मारे जाने का श्राप दे दिया और कैलाश पर्वत चली गई. श्राप के भय से हुंड ने शिशु नहुश को मारना चाहा, पर उसे एक दासी ने बचाकर ऋषि वशिष्ठ की देखभाल में दे दिया.
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कुछ वर्षों बाद मौका मिलते ही हुंड ने अशोक सुंदरी का अपहरण कर लिया और बताया उसने नहूस को मार दिया है. लेकिन, नहुश जीवित थे और तब तक बड़े हो गए थे. अंततः उन्होंने हुंड को मारकर अशोक सुंदरी से विवाह किया.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau