Shukr Pradosh Vrat 2022 Katha aur Upay: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है. प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा उपासना की जाती है. पंचांग के अनुसार, आश्विन माह का प्रदोष व्रत 23 सितंबर 2022, दिन शुक्रवार को पड़ रहा है. यह प्रदोष व्रत शुक्रवार के दिन पड़ रहा है, इसलिए यह शुक्र प्रदोष व्रत कहलाएगा. धार्मिक मान्यता है कि शुक्र प्रदोष व्रत सुख और समृद्धि को बढ़ाने वाला होता है. इस दिन व्रत करने तथा भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करने से धन, संपत्ति, वैभव और सभी प्रकार के भौतिक सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है. इसके अतिरिक्त, माना जाता है कि इस दिन किए गए उपाय सफल होते हैं और उनके सकारात्मक प्रभाव से घर की उनती होती है. ऐसे में आइए जानते हैं आश्विन माह के शुक्र प्रदोष व्रत की रोचक कथा और उपायों के बारे में.
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शुक्र प्रदोष व्रत 2022 कथा (Shukr Pradosh Vrat 2022 Katha)
ग्रंथों के अनुसार, ब्रह्मा के मानस पुत्र दक्ष प्रजापति की 27 पुत्रियां थीं. उन सभी का विवाह दक्ष प्रजापति ने चंद्रमा से करवा दिया, लेकिन चंद्रमा अपनी 27 पत्नियों में से रोहिणी को सबसे अधिक प्रेम करते थे. एक दिन ये बात उन्होंने जाकर अपने पिता को बता दी.
क्रोध में आकर दक्ष प्रजापति ने चंद्रमा को क्षय रोग होने का श्राप दे दिया, जिससे उनकी चमक धीरे-धीरे कम होने लगी. तब उन्होंने भगवान शिव की उपासना की और महादेव ने उन्हें श्राप मुक्त कर अपने मस्तक पर स्थान दिया. जिस दिन शिवजी ने चंद्रमा को दर्शन दिए, उस दिन प्रदोष तिथि थी, इसलिए चंद्रमा से संबंधित शुभ फल पाने के लिए प्रदोष व्रत करना चाहिए.
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शुक्र प्रदोष व्रत 2022 उपाय (Shukr Pradosh Vrat 2022 Upay)
- अगर किसी कारण वश कोई व्यक्ति प्रदोष व्रत न कर पाए तो वह शिवजी का अभिषेक शु्दध जल से करें और कुंडली के दोष दूर करने के लिए प्रार्थना करें.
- प्रदोष तिथि पर चंद्रमा के मंत्रों का जाप करें. इससे आपकी मानसिक परेशानियां काफी हद तक दूर हो सकती है.
- प्रदोष तिथि पर पहले शिवजी की पूजा करें और बाद में शिव चालीसा का पाठ करें. इससे भी आपको शुभ फल मिल सकते हैं.