Advertisment

Astrology For House: कुंडली में मौजूद ये एक योग बना सकता है आपको भव्य भवन का मालिक

Astrology For House: जहां एक तरफ कड़ी मेहनत के बाद भी कुछ लोगों के लिए यह इच्छा मात्र एक सपना बनकर ही रह जाता है. वहीं, कुछ लोग कम समय में ही अपना ये सपना साकार कर लेते हैं यानी कि बड़ी आसानी से उन्हें घर मिल जाता है.

author-image
Gaveshna Sharma
New Update
Astrology For House

कुंडली में मौजूद ये एक योग बना सकता है आपको भव्य भवन का मालिक ( Photo Credit : Social Media)

Advertisment

Astrology For House: आज के समय में सभी अपने घर का सपना देखते हैं. एक ऐसा घर जिसमें व्यक्ति अपने परिवार के साथ खुशियां समेट कर जीवन भर जिंदगी बसर कर सके. इस सपने को पूरा करने के लिए लोग क्या कुछ नहीं करते. इस एक सपने के लिए लोग जी जान लगा देते हैं कड़ी मेहनत करते हैं कि बस उतना धन कमा सकें कि अपना एक घर रूपी खुशियों का आशियां बना सकें. लेकिन जहां एक तरफ कड़ी मेहनत के बाद भी कुछ लोगों के लिए यह इच्छा मात्र एक सपना बनकर ही रह जाता है. वहीं, कुछ लोग कम समय में ही अपना ये सपना साकार कर लेते हैं यानी कि बड़ी आसानी से उन्हें घर मिल जाता है. ज्योतिष के अनुसार, ऐसा कुंडली में मौजूद योगों के कारण होता है. यानी कि कुछ योग ऐसे होते हैं जो घर निर्माण में अत्यंत सहायक होते हैं जिससे व्यक्ति कम मेहनत और समय में ही अपना घर हासिल कर लेता है. आइए जानते हैं उन योगों के बारे में. 

यह भी पढ़ें: Dakshinavarti Shankh Vastu Benefits: दक्षिणावर्ती शंख के लाभ जान दंग रह जाएंगे आप, वास्तु दोष के साथ नष्ट हो जाती हैं सभी गंभीर समस्याएं

- किसी व्यक्ति की कुंडली में खुद का घर बनाने की जानकारी उसके चतुर्थ भाव का अध्यन करके पता की जा सकती है. चतुर्थ भाव चल-अचल संपत्तियों का मुख्य घर माना जाता है. 

- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में चतुर्थ भाव का स्वामी लग्न स्वामी के साथ मौजूद हो और उसका आय का भाव भी वही हो तो उस व्यक्ति के पास एक से अधिक घर हो सकते हैं. 

- कुंडली में यदि पराक्रम भाव में बुध स्थित हो और चतुर्थ घर का स्वामी भी सुस्थिर हो तो वह व्यक्ति अपने लिए बहुत सुंदर घर का निर्माण करवाने में सफल होता है.

- कुंडली में चौथे घर का स्वामी स्व-नवांश में हो या उच्च राशि का हो तो व्यक्ति को भूमि, गृह और वाहन का सुख प्राप्त होता है.

- वहीं, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जो ग्रह चौथे घर में स्थित होते हैं, उनके पास भी संपत्ति प्रदान करने की शक्ति होती है.

- यदि किसी व्यक्ति की कुंडली के चौथे भाव का स्वामी मंगल शनि या फिर शुक्र से युक्ति में हो तो जातक को अपना घर प्राप्त होता है.

- इसी तरह खुद का घर खरीदने के लिए मंगल, शुक्र और बृहस्पति की दशा की अवधि अनुकूल होती है.

Astrology Kundali Bhagya Yoga of own house Kundali Grih Nirman Yog खुद के घर का योग Astrology For House कुंडली में खुद के घर का योग
Advertisment
Advertisment
Advertisment