Punarvasu Nakshatra: हमारा जीवन ग्रहों और नक्षत्रों की चाल से बहुत प्रभावित होता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों के शुभ संयोग से ही हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, और जब ये संयोग अपनी स्थिति से बिगड़ जाता है. तब हमें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हर व्यक्ति का जन्म किसी विशेष नक्षत्र में होता है, जिससे उसके जीवन में घटने वाली क्रियाएं उस नक्षत्र से प्रभावित होती है. आज हम बात करेंगे पुनर्वसू नक्षत्र की, जिसे पुनरावृत्ति नक्षत्र के नाम से भी जाना जाता है. इस नक्षत्र का शासन ब्रहस्पति करता है और इसका प्रतीक तरकश होता है. पुनर्वसू नक्षत्र में जिस भी व्यक्ति का जन्म होता है, वह बहुत भाग्यशाली होता है. जिस व्यक्ति के जन्म के समय अगर चंद्रमा इस नक्षत्र में मौजूद हो, तो उसका नक्षत्र पुनर्वसू नक्षत्र माना जाता है. तो आइए जानते हैं कि पुनर्वसू नक्षत्र इतना खास क्यों माना जाता है.
रचनात्मक होते हैं पुनर्वसू नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति
जिस भी व्यक्ति का जन्म पुनर्वसू या पुनरावृत्ति नक्षत्र में होता है. वे बहुत रचनात्मक और बुद्धिमान होते हैं. ऐसे लोगों का आध्यात्मिक पथ की ओर बचपन से ही झुकाव होता है. ब्रहस्पति के प्रतिनिधित्व के कारण ऐसे लोग बहुत सौभाग्यशाली माने जाते हैं और हर क्षेत्र में बढ़िया प्रदर्शन करते हैं. पुनर्वसू नक्षत्र में जन्मे लोगों को अपने पार्टनर का भी खूब प्यार मिलता है और इनकी केमिस्ट्री खूब अच्छी रहती है.
पुनर्वसू नक्षत्र के 4 चरण
पुनर्वसू नक्षत्र के पहले चरण का शासन मंगल द्वारा किया जाता है. जिससे इस चरण में जन्म लेने वाले लोग उत्साहित और शक्तिशाली होते हैं. ऐसे लोगों में हमेशा जोश बना रहता है. दूसरे चरण का प्रतिनिधित्व शुक्र करता है, इसलिए ये लोग मजबूत और रचनात्मक होते हैं. तीसरे चरण का शासन बुद्ध द्वारा होता है, जिससे इस चरण के लोगों में सफलता, प्रसिद्धि और धन की बेशुमार वर्षा होती है. वहीं चौथे चरण में चंद्रमा शासन करता है. इसलिए ये लोग बहुत भावुक होते हैं.
पुनर्वसू नक्षत्र में जन्मे लोगों के गुण
पुनर्वसू नक्षत्र में जिन लोगों का जन्म होता है, वे लोग अपने पार्टनर के लिए बहुत वफादार होते हैं और हमेशा उनके साथ अच्छा संबन्ध बनाकर रखते हैं. ऐसे लोग आर्थिक मामलों में भी बहुत गंभीर और स्टीक होते हैं. इन लोगों को भगवान शिव की उपासना जरूर करनी चाहिए और अपने जीवन से नकारत्मक ऊर्जा खत्म करने के लिए हाथ में चांदी से बना कड़ा या छल्ला पहनना चाहिए. बुधवार और शनिवार के दिन अगर ये भूखे लोगों को खाना खिला दें तो जीवन मे खुशियां आती हैं.
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)