Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन की तैयारी काफी जोरो शोरो से चल रही है. अयोध्या के लोग ही नहीं बल्कि पूरा देश इस समारोह के लिए काफी उत्साहित है. प्रभु श्री राम की मूर्ति स्थापना के लिए शुभ 84 सेकंड का समय होगा जिसका समय 12:29 से लेकर 12:30 तक का तय किया गया है. श्री राम की मूर्ति स्थापना के बाद महापूजा और महाआरती की तैयारी की गई है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी का दिन ही क्यों चुना गया है? शायद ही इस बारे में आपको पता हो, ऐसे अगर आप भी ये जानने के लिए उत्सुक है कि इस शुभ दिन के लिए 22 जनवरी का दिन ही क्यों चुना गया है तो आइए इसके बार में विस्तार से हम आपको बताते हैं.
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी का दिन ही क्यों चुना गया?
पंचांग के अनुसार 22 जनवरी 2204 को द्वादशी तिथि है जो की हिंदू कैलेंडर के अनुसार पौष मास का शुक्ल पक्ष है. योग ब्रह्म व नक्षत्र मृगशिरा का मुहूर्त सुबह 8 बजकर 47 मिनट तक है, जिसके बाद इन्द्र योग लगेगा. ज्योतिषियों और महाऋषियों की मानें तो 22 जनवरी को कर्म द्वादशी है और यह भगवान विष्णु को समर्पित है. ऐसा माना जाता है की कर्म द्वादशी के दिन भगवान विष्णु ने एक कछुए का रूप धारण किया था और समुद्र मंथन में सहायता की थी. प्रभू श्री राम भगवान विष्णु का ही एक रूप हैं. इसलिए 22 जनवरी के दिन को राम मंदिर के उद्घाटन के लिए बेहद शुभ मना गया है.
22 जनवरी के दिन बन रहे हैं कई शुभ योग
ज्योतिषियों के अनुसार 22 जनवरी 2024 को 3 शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. ज्योतिषियों की मानें तो 22 जनवरी को अभिजीत मुहूर्त, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग का निर्माण हो रहा है. यह दिन किसी भी कार्य को करना के लिए अति शुभ है. मान्यता है कि इस तिथि को किया गया कार्य भविष्य में अति सफलता दिलाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अभिजीत मुहूर्त, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग के दिन ही प्रभू श्री राम का जन्म हुआ था. इसलिए अयोध्या में राम मंदिर की स्थापना के लिए 22 जनवरी से ज्यादा शुभ मुहूर्त नहीं हो सकता.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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Source : News Nation Bureau