Bada Mangal 2024: हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले सभी मंगलवार का बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले सभी मंगलवार को बड़ा मंगल और बुढ़वा मंगल के रूप में जाना जाता है. साल 2024 में कुल 4 बड़े मंगल पड़ेंगे. वहीं आज यानि 4 जून 2024 को साल का दूसरा बड़ा मंगल है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन हनुमान जी की विधिपूर्वक पूजा करने और व्रत करने से जातकों के जीवन में खुशहाली आती है. लेकिन आपको पूजा का फल तभी मिलेगा जब आप सही विधि से पूजा करेंगे. ऐसे में अगर आप भी बजरंगबली की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो इस दिन आपको संकट मोचन की सही विधि से पूजा करनी चाहिए.
बड़ा मंगल पूजा विधि
ज्येष्ठ माह के दूसरे बड़े मंगल पर हनुमान जी की विधिपूर्वक करनी चाहिए. इस दिन आपको सुबह उठकर स्नान आदि कर साफ वस्त्र पहनें. उसके बाद व्रत का संकल्प लें. अब पूजा घर को साफ कर लें. इसके बाद
लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछा लें. इस पर हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करें. अब प्रतिमा के सामने घी या तेल का दीया जलाएं. बजरंगबली को रोली का तिलक और अक्षत लगाएं. फल, फूल- माला, धूप, मिठाई आदि पूजा सामग्री अर्पित करें. इस दिन हनुमान जी को उनके पसंदीदा बेसन के लड्डू का भोग जरूर लगाएं. इसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ करें. हनुमान जी के मंत्रों का जाप करें और आखिरी में उनकी आरती पढ़ें.
दूसरा बड़ा मंगल पर जरूर करें ये काम
साल के दूसरे बड़े मंगल पर हनुमान मंदिर में जाकर बजरंगी हनुमान को चोला चढ़ाएं. इसके साथ ही इस दिन सुंदरकांड का पाठ करें. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन बजरंगबली को चोला चढ़ाने और सुंदरकांड का पाठ करने से जातकों की सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी और मनोकामनाएं पूरी होंगी. इसके अलावा इस दिन जरूरतमंदों को भोजन भी करवाना चाहिए. इसके अलावा जिन जातकों की कुंडली में मंगल कमजोर स्थिति में है उन्हें इस दिन हनुमानजी को लाल रंग का फूल अर्पित करना चाहिए. इसके साथ ही इस इस मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए. मंत्र इस प्रकार है - 'ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः'
हनुमान जी के मंत्र
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमितविक्रमाय
प्रकट-पराक्रमाय महाबलाय सूर्यकोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।
ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय
सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहरणाय
सर्वरोगहराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं कपीश्वर |
यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु मे ||
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source(News Nation Bureau)