Baisakhi 2022, Gehu Ke Bejod Upay: बैसाखी के त्योहार को प्रत्येक वर्ष वैशाख के महीने में मनाया जाता है. इस साल ये पर्व 14 अप्रैल को है. सिख समाज में बैसाखी को नए वसंत के प्रतीक के रूप में धूमधाम के साथ मनाया जाता है. ये पर्व उत्तर भारत और विशेष रूप से पंजाब प्रान्त में बेहद ही उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है. मान्यता है कि इसी दिन सिखों के अंतिम गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. बैसाखी के दिन से ही पंजाबी नए साल की शुरुआत भी होती है. इस दिन गुरुद्वारों को सजाया जाता है. लोग नए कपड़े पहनते हैं, एक दूसरे को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हैं और खुशियां मनाते हैं. शाम को इकठ्ठा होकर गिद्दा और भांगड़ा करते हैं. बैसाखी के पर्व को बेहद धार्मिक माना जाता है. सिख समुदाय में बैसाखी पर्व पर रात्रि के समय अग्नि प्रज्वलित कर फसल से प्राप्त अन्न का कुछ अंश अग्नि देव को अर्पित किए जाने की परंपरा है. वहीं, इस दिन विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए किए गए कुछ उपाय भी श्रेष्ठ परिणाम देने वाले होते हैं. ऐसे में आज हम आपको बैसाखी के दिन किये जाने वाले गेहूं के कुछ बेहद ही ख़ास उपाय बताने जा रहे हैं.
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बैसाखी के अचूक उपाय
- मान्यता है कि बैसाखी पर यदि गेहूं का दान किया जाये तो प्रतिष्ठा और आत्मविश्वास की वृद्धि होती है.
- इसके अलावा इस दिन आप आटे का दीपक बनाकर उसमे गेहूं के कुछ दाने डालकर घी से प्रज्वलित कर अपने घर के ईशान कोण में जलाएं. इससे घर में समृद्धि आएगी.
- धन वृद्धि के लिए बैसाखी के पावन पर्व पर चावल की खीर बनाकर गरीब व्यक्तियों में बाटें. इससे गरीबों का आशीर्वाद मिलेगा और आपका घर धन-धान्य से भरा रहेगा.
- करियर में उन्नति और सफलता के लिए बैसाखी पर उड़द दाल की खिचड़ी बनाकर गरीब व्यक्तियों में बाटें.
- इसके अलावा विद्या में सफलता के लिए बैसाखी पर भीगी हुई चने की दाल गाय को खिलाने से लाभ मिलता है.
- व्यापार में वृद्धि के लिए बैसाखी के दिन साबुत मूंग दान करें.
- वहीं अगर मानसिक तनाव बहुत रहता हो तो बैसाखी पर दूध दान करें.
- इसके अलावा अच्छे स्वास्थ्य के लिए फलों का दान करें.
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बता दें कि, बैसाखी एक कृषि पर्व है. वैशाख महीने तक रबी की फसलें पक जाती हैं और उनकी कटाई शुरू हो जाती है. ऐसे में बैसाखी के दिन फसल के कटकर घर आ जाने की खुशी में लोग ईश्वर को धन्यवाद करते हैं. इस दिन ईश्वर का धन्यवाद करने के लिए प्राप्त हुई फसल में से अन्न का कुछ अंश अग्नि स्वरुप परमात्मा को अर्पित किया जाता है और अन्न का प्रसाद सभी में वितरित किया जाता है. वहीं नाचते गाते हुए उल्लास पूर्वक बैसाखी के पर्व को मनाया जाता है.