Baisakhi 2023 : आज बैसाखी है और आज का ये पर्व मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के आसतपास के क्षेत्रों में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. ये सिख समुदाय के लोगों का खास त्योहार है. ऐसी मान्यता है कि साल 1969 में इस दिन सिखों के 10वें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह ने पवित्र खालसा पंथ की स्थापना की थी. बता दें, पंजाब एक कृषि प्रधान राज्य है. इसलिए पारंपरिक रूप से ये त्योहार सिख समुदाय के लोग फसल पकने की खुशी में मनाते हैं. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में बैसाखी के महत्व, शुभ मुहूर्त और उससे जुड़ी मान्यताओं के बारे में विस्तार से बताएंगे.
ये भी पढ़ें - Baisakhi For Married 2023: बैसाखी पर नवविवाहिता जरूर करें ये काम, मिलेगा सौभाग्य का वरदान
इस दिन मनाई जाएगी बैसाखी
हिंदू पंचांग के हिसाब से वैशाख माह के पहले दिन बैसाखी मनाई जाती है. इस साल बैसाखी दिनांक 14 अप्रैल दिन शुक्रवार को है. इसका शुभ मुहूर्त सुबह 05:42 मिनट से लेकर दोपहर 03:12 मिनट तक है.
ये भी पढ़ें - Baisakhi 2023 Date: बनना है धनवान, तो बैसाखी पर अपनी राशि के अनुसार जरूर करें ये काम
जानें क्या है बैसाखी का महत्व
बैसाखी को फसल के त्योहार के रूप में मनाया जाता है. इस माह में उत्तर भारत में रबी फसल पककर तैयार हो जाती है और उनकी कटाई शुरू हो जाती है. इसलिए बैसाखी के दिन नई फसल के घर के आने की खुशी में उत्सव मनाई जाती है. इस दिन पारंपरिक रूप से नृत्य, गिद्दा और भांगड़ा भी किया जाता है. इस दिन लोग अपने घर को सजाते हैं. रंगोली बनाते हैं और तरह-तरह के पकवान भी बनाते हैं. गुरुद्वारे में विशेष पूजा-अर्चना होती है और लोग गुरु वाणी सुनते हैं. खीर और शरबत का बांटा जाता है. सुख समृद्धि के लिए प्रार्थनाएं की जाती हैं.
ये भी पढ़ें - Baisakhi 2023: जानें बैसाखी पर सत्तू खाने और दान करने के फायदे, क्या है धार्मिक महत्व