Baisakhi Festival Date: बैसाखी का त्योहार वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक माना जाता है. इसे बैसाखी कहा जाता है. इसे 'फसल के मौसम' के रूप में जाना जाता है. यह त्योहार हर साल दिनांक 14 अप्रैल को मनाई जाती है. बता दें, इस साल भी यह त्योहार दिनांक 14 अप्रैल को ही मनाई जाएगी. यह त्योहार पंजाब और हरियाणा राज्य में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. यह दिन नए साल की शुरुआत का प्रतीक है.
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कब मनाया जाएगा बैसाखी का पर्व
दिनांक 14 अप्रैल दिन शुक्रवार को बैसाखी का पर्व मनाया जाएगा.
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जानें क्या है बैसाखी का इतिहास
दिनांक 30 मार्च 1699 को सिखों के 10वें गुरु, गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. उन्होंने सिख समुदायों के सदस्यों से गुरु और भगवान के लिए खुद को बलिदान करने के लिए आगे आने के लिए कहा था और आगे आने वालों को पंज प्यारे कहा जाता था, जिसका आशय है गुरु के पांच प्रियजन.
उसके बाद बैसाखी के दिन रणजीत सिंह क सिख साम्राज्य का प्रभार सौंप दिया गया था. तब से महाराजा रणजीत सिंह ने एकीकृत राज्य की स्थापना की थी. इसी कारण बैसाखी के तौर पर मनाया जाने लगा. यह दिन बसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है. इस दिन किसान पूरे साल अच्छे फसल के लिए ईश्वर जको आबार व्यक्त करते हैं. इसी को देखते हुए, बैसाखी नया साल मनाया जाता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है. इस दिन फसलों की विशेष पूजा की जाती है.
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इस दिन सभी लोग कीर्तन करते हैं, गुरुद्वारा जाते हैं. भव्य भोजन का आयोजन किया जाता है. कुछ जगहों पर मेलों का आयोजन भी किया जाता है.