Baisakhi Upay 2023 : बैसाखी खुशियों और समृद्धि का पर्व माना जाता है. सिख समुदाय के लोग इस पर्व को नए वर्ष के रूप में मनाते हैं. इस पर्व खासतौर से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली में मनाया जाता है. दरअसल, आपको बता दें, बैसाखी के महीने तक रबी के फसल पक जाते हैं और उनकी कटाई शुरु हो जाती है. साथ ही इसी माह में सूर्य मेष राशि में गोचर करते हैं. इसलिए इसे मेष संक्रांति कहा जाता है. इस दिन सूर्य देव की उपासना करना बहुत शुभ माना जाता है. इस बार बैसाखी दिनांक 14 अप्रैल को मनाया जाएगा. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि सूर्य देव की पूजा कैसे करना चाहिए, जिससे व्यक्ति को उन्नति की प्राप्ति हो.
ये भी पढ़ें - Vaishakh Amavasya 2023 : वैशाख अमावस्या के दिन बन रहा है 3 शुभ संयोग, जानें स्नान-दान का शुभ मुहूर्त
जानें वैशाख माह में सूर्यदेव की पूजा करने से क्या लाभ होता है
वैशाख माह में हर साल सूर्य देव मेष राशि में प्रवेश करते हैं, जिससे सौर वर्ष की शुरूआत होती है. ऐसे में सूर्य देव की उपासना करने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है. क्योंकि सूर्य को आत्मा का कारक ग्रह कहा गया है. ये पिता, आरोग्य, हृदय, सत्ता और अधिकारी ग्रह माने गए हैं. वहीं कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होने से शुभ परिणाम मिलते हैं. इसलिए जब भी सूर्य राशि चक्र में पहली बार प्रवेश करते हैं, तो सूर्य देव की अराधना की जाती है, इससे व्यक्ति को उन्नति की प्राप्ति होती है.
जानें क्या है सूर्य पूजा के लिए जरूरी सामग्री
सूर्य देव की पूजा में तांबे का लोटा, कुमकुम, अक्षत, लाल फूल, काले तिल, गुड़, गंगाजल, पंखा, गेहूं, जौ, जल से भरा घड़ा, लाल फल, मिठाई आदि
इस विधि से करें सूर्यदेव की पूजा
बैसाखी के दिन उगते सूर्य को तांबे के लोटे में जल डालकर गुड़, कुमकुम, अक्षत से अर्घ्य दें. इसके बाद सूर्य देव को फल, मिठाई चढ़ाएं. आखिर में पंखा और जल से भरा घड़ा किसी ब्राह्मण को दान कर दें. इस दिन सूर्य पुराण का पाठ अवश्य करें. और दान देने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है.