Bangladesh Hindu Attack: बांग्लादेश में हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है. शेख हसीना के इस्तीफे के बाद यहां लोगों में आक्रोश है, जो अब सड़कों पर साफ नजर आ रहा है. इसी बीच हिंदुओं के साथ हिंसा की भी तमाम खबरें आ रही हैं. हिंदुओं के घरों से लेकर उनके व्यवसाय के ठिकानों और मंदिरों तक को तोड़ा जा रहा है. मगर क्या आपको मालूम है कि, सनातन धर्म की वजह से ही बांग्लादेश आज अस्तित्व में आया है.
जी हां.. दरअसल इस देश में एक मंदिर ऐसा भी है, जिसकी चर्चा बहुत ज्यादा है और यह मंदिर है बांग्लादेश में बना विश्व प्रसिद्ध मंदिर ढाकेश्वरी देवी मंदिर. बांग्लादेश में ऐसे तो कई प्रसिद्ध हिंदू मंदिर हैं, लेकिन ढाकेश्वरी मंदिर को बांग्लादेश का सबसे प्रमुख और बड़ा हिंदू मंदिर माना जाता है.
ढाकेश्वरी मंदिर का महत्व
ढाकेश्वरी मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ था और इसे सेन वंश के राजा बलाल सेन ने बनवाया था. मंदिर का नाम ढाकेश्वरी है, जिसका मतलब है ढाका की देवी, जो दर्शाता है कि ये मंदिर ढाका शहर की संरक्षक देवी को समर्पित है.
ढाकेश्वरी मंदिर बांग्लादेश की राजधानी ढाका का सबसे महत्त्वपूर्ण मंदिर है. यह बांग्लादेश का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर भी है. इसकी गिनती 51 शक्ति पीठों में होती है, यहां ढाकेश्वरी देवी की पूजा होती है जो देवी दुर्गा का अवतार मानी जाती है.
बांग्लादेश की बुनियाद बना ये मंदिर
हिंदू समुदाय देवी ढाकेश्वरी को ढाका की पीठासीन देवी मानते हैं और इसीलिए वो ढाकेश्वरी मंदिर में आदि शक्ति की पूजा भी करते हैं. कहा तो यह भी जाता है कि इन्हीं देवी के नाम पर ढाका का नाम भी पड़ा है.
गौरतलब है कि, ढाकेश्वरी मंदिर का बांग्लादेश की सांस्कृतिक और धार्मिक दरो हर में विशेष स्थान भी है. जाते-जाते बताते चलें कि ढाकेश्वरी मंदिर के मुख्य मंदिर के साथ-साथ परिसर में कई अन्य छोटे मंदिर भी मौजूद हैं, जो विभिन्न देवी देवताओं को समर्पित हैं.
ढाकेश्वरी मंदिर दुर्गा पूजा का भव्य आयोजन होता है. इस अवसर पर बड़ी संख्या में भक्त मंदिर में आते हैं, बांग्लादेश का हिंदू समुदाय मंदिर को संरक्षित रखने में अहम भूमिका भी निभा रहा है.