Pandit Pradeep Mishra: इन दिनों पंडित प्रदीप मिश्रा राधा रानी पर विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं. शिव पुराण पर आधारित कथाओं का वाचन करने वाले प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के खिलाफ धर्म के रक्षकों ने हल्ला बोल दिया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक कथा के आयोजन के लिए वो 7-8 लाख रुपये चार्ज करते हैं. कुछ खास तिथियों के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा 21 लाख रुपये की मोटी रकम भी लेते हैं. लेकिन उनकी प्रसिद्धि पर उनका एक बयान भारी पड़ गया है. मथुरा के बरसाना में साधु-संत, धर्माचार्य और ब्रजवासी आज महापंचायत करने जा रहे हैं. राधा रानी पर पं. प्रदीप के दिए बयान से धर्माचार्यों में गुस्सा है. इसमें 7 संगठन के लोग भी शामिल होंगे.
आज महापंचायत में होगा फैसला (Barsana Mahapanchayat)
बरसाना में रह रहे पद्मश्री रमेश बाबा के गहवर वन क्षेत्र स्थित मान मंदिर के रास मंडप में ये महापंचायत हो रही है. धर्माचार्य रमाकांत गोस्वामी ने बताया- बरसाना में आज शाम होने जा रही इस महापंचायत में श्री जी यानि राधा रानी के भक्त सहित आसपास के गांवों के पंच प्रधान व बुद्धजीवी शामिल होंगे. महापंचायत का समय 3:00 बजे से 6:00 बजे तक का रखा गया है. इस महापंचायत में कथावाचक प्रदीप मिश्रा के खिलाफ आगामी निर्णय लिया जाएगा. बरसाना से संवाददाता विनीत दुबे लगातार इस पर रिपोर्ट दे रहे हैं.
इस महापंचायत की अध्यक्षता डॉ. स्वामी आदित्यानंद महाराज करेंगे. जिसमें सम्पूर्ण ब्रजमंडल के साधु-संत, तीर्थस्थलों के प्रमुख आचार्य और ब्रजवासी समाज शामिल होगा. आचार्य रमाकांत गोस्वामी ने कहा "ब्रजवासियों ने पंजित प्रदीप मिश्रा को पश्चाताप करने के लिए बहुत समय दिया था. लेकिन वह अपने अहंकार में चूर होकर राधा रानी के साथ बृजवासियों का अपमान करते रहे. अब उन्हें इसका दंड भुगतना ही पड़ेगा."
धर्म रक्षा संघ की ओर से पंडित प्रदीप मिश्रा पर ऐसा भी आरोप लग रहा है कि वो लगातार सनातन धर्म का अपमान करते आए हैं. इसी वजह से संत समाज ने उन्हें अब सबक सिखाने की ठान ली है. आचार्य बद्रीश महाराज धर्म रक्षा संघ के राष्ट्रीय संयोजक हैं और उनका कहना है कि इस महापंचायत में प्रदीप मिश्रा को क्या दंड देना चाहिए इसका निर्णय लिया जाएगा.
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau