आज देश भर में बसंत पंचमी (Basant panchami 2020) का त्यौहार मनाया जा रहा है. हिन्दू पंचांग के मुताबिक बसंत पंचमी का पर्व हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष के पांचवे दिन मनाया जाता है. बसंत पंचमी के दिन मां देवी सरस्वती की पूजा की जाती है. बसंत पंचमी पर खास तौर से पीले रंगे के वस्त्रों का विशेष महत्व होता है. पीले रंग के वस्त्रों में पूजा की जाती है. ये पर्व भारत के आलावा बांग्लादेश और नेपाल में भी बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है. बसंत पंचमी के साथ ही बसंत ऋतु की शुरुआत हो चुकी है. इस ऋतु का स्वागत करने के लिए माघ महीने के पांचवे दिन भगवान विष्णु और कामदेव की पूजा की जाती है. इसीलिए इसे बसंत पंचमी कहा जाता है. इस बार बसंत पंचमी 30 जनवरी को मनाई जा रही है.
यह भी पढ़ेंः वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को अर्पित करें ये चीजें, बदल जाएगी आपकी जिंदगी
बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त:
पंचमी तिथि 29 जनवरी को सुबह 10.46 बजे लग जाएगी लेकिन सूर्योदय का समय न होने की वजह से बसंत पंचमी 30 जनवरी को मनाई जाएगी. पंचमी तिथि 29 जनवरी सुबह 10 बजकर 46 मिनट से लेकर 30 जनवरी को दोपहर 1 बजकर 18 मिनट तक रहेगी. इसलिए 30 जनवरी को सूर्योदय के बाद बसंत पंचमी की पूजा की जाएगी.
यह भी पढ़ेंः Basant Panchami 2020: बसंत पंचमी के दिन ही क्यों होती है मां सरस्वती की पूजा
विशेष संयोग में बन रही बसंत पंचमी
इस बार बसंत पंचमी इसलिए भी खास है क्योंकि इस दिन सिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे दो शुभ मुहूर्त का संयोग बन रहा है. सिद्धि और सर्वार्थसिद्धि योग को विद्यारंभ, यज्ञोपवीत, विवाह जैसे संस्कारों और अन्य शुभ कार्यों के लिए श्रेष्ठ माना जाता है. इस बार बसंत पंचमी इसलिए भी श्रेष्ठ है क्योंकि सालों बाद ग्रह और नक्षत्रों की स्थिति इस दिन को और खास बना रही है.
यह भी पढ़ेंः Basant Panchami 2020: जानिए कब है पूजा का शुभ मुहूर्त और कैसे करें मां सरस्वती को प्रसन्न
ऐसे करें मां सरस्वती की पूजा
- पीले, बसंती या सफेद वस्त्र धारण करें. पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजा की शुरुआत करें.
- बसंत पंचमी पर मां सरस्वती को पीला वस्त्र बिछाकर उस पर स्थापित करें और रोली मौली, केसर, हल्दी, चावल, पीले फूल, पीली मिठाई, मिश्री, दही, हलवा आदि प्रसाद के रूप में उनके पास रखें.
- मां सरस्वती को श्वेत चंदन और पीले तथा सफ़ेद पुष्प दाएं हाथ से अर्पण करें.
- केसर मिश्रित खीर अर्पित करना सर्वोत्तम होगा.
- मां सरस्वती के मूल मंत्र ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः का जाप हल्दी की माला से करना सर्वोत्तम होगा.
- काले, नीले कपड़ों का प्रयोग पूजन में भूलकर भी ना करें.शिक्षा की बाधा का योग है तो इस दिन विशेष पूजा करके उसको ठीक किया जा सकता है.
Source : News Nation Bureau