माघ मास (Magh Maas 2021) की शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसंत पंचमी मनाई जाती है. इस वर्ष 16 फरवरी यानी आज बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है. बसंत पंचमी (Basant Panchami) के दिन विद्या और बुद्धि की देवी मां सरस्वती की उपासना की जाती है. वर्ष के कुछ विशेष शुभ काल में से एक होने की वजह से इसको अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है. इस मुहूर्त में विवाह, निर्माण और अन्य शुभ कार्य भी किए जाते हैं. पारस परिवार (Paras Parivaar) के मुखिया श्रीपारस भाई जी (Paras Bhai Ji) ने बसंत पंचमी को लेकर शुभ मुहूर्त बताए हैं.
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श्रीपारस भाई जी ने बताया कि मंगलवार को सुबह 03 बजकर 36 मिनट पर पंचमी तिथि लगेगी, जोकि अगले दिन यानी बुधवार को सुबह 5 बजकर 46 मिनट पर खत्म होगी. ऐसे में मंगलवार को पंचमी पूरे दिन रहेगी. इस दिन 11.30 बजे से लेकर 12.30 बजे के बीच अच्छा मुहूर्त है. मां सरस्वती की पूजा करने से विद्या और धन धान्य की प्राप्ति होती है.
श्री पारस भाई ने कहा कि पंचमी के दिन भक्तों को नील सरस्वती की मूर्ति या फिर चित्र लाकर उनकी पूजा करनी चाहिए. उन्हें फूल, वस्त्र और धूप-दीप चढ़ाना चाहिए. नील सरस्वती का रंग नीला होता है. इन्होंने हाथों में वीणा ली हुईं. इनकी 4 भुजाएं हैं. मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन नील सरस्वती की पूजा से ज्ञान और अपनी कला में योग्यता हासिल होती है. कहा जाता है कि इनके बिना दुनिया अंधकार में चली जाएगी. दुनिया में इनसे ज्ञान का उजियारा होता है.
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उन्होंने आगे कहा कि बसंत पंचमी के दिन पीले का रंग का भी विशेष महत्व होता है. खासकर इस दिन विद्यार्थियों को पीले वस्त्र पहनकर मां सरस्वती और उनके नील सरस्वती रूप की भी पूजा-अर्चना करनी चाहिए. साथ ही इस दिन सरस्वती मां को भी पीले रंग के मिष्ठान का भोग लगाना उत्तम होता है. मौसम को लेकर यह भी कहा जाता है कि इस दिन से ठंडी कम होने लगती हैं और गर्मी की शुरुआत होने लगती है.
ऐसे मिलेगा लाभ?
पारस परिवार के मुखिया श्रीपारस भाई जी ने बताया कि कैसे मिलेगा लाभ. पंचमी के दिन मां सरस्वती को कलम अवश्य अर्पित करें और वर्षभर उसी कलम का प्रयोग करें. पीले या सफेद वस्त्र धारण करें. काले रंग से जरूर बचाव करें. सिर्फ सात्विक भोजन करें और खुद प्रसन्न रहें. पुखराज और मोती धारण करना लाभकारी होता है. बसंत पंचमी के दिन स्फटिक की माला को अभिमंत्रित कर धारण करना श्रेष्ठ परिणाम देगा.
Source : News Nation Bureau