इस वर्ष बसंत पंचमी का पर्व 16 फरवरी को मंगलवार के दिन पड़ रही है. बसंत पंचमी हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष के 5वें दिन मनाई जाती है. हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का खास महत्व है. इस पर्व से बसंत ऋतु का आगमन माना जाता है. इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है. मां सरस्वती की कृपा से ज्ञान, बुद्धि, विवेक प्राप्त होता है. यह पर्व विद्यार्थियों, विज्ञान, कला और संगीत के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है. इस दिन लोग पीले रंग का वस्त्र धारण करके मां सरस्वती की पूजा करते हैं. लेकिन बसंत पंचमी के दिन पीले कपड़े ही क्यों पहनते हैं, इसके पीछे एक बड़ा रहस्य है.
यह भी पढ़ें: बसंत पंचमी के बाद क्यों मनाई जाती है रथ सप्तमी, क्या है इसका महत्व
बसंत पंचमी के दिन पीले कपड़े ही क्यों पहनते हैं?
पीले रंग को हिंदु धर्म में शुभ रंग माना जाता है. पीला रंग शुद्ध और सात्विक प्रवृत्ति का प्रतीक भी होता है तथा सादगी व निर्मलता को भी दर्शाता है. मान्यता है कि पीला रंग माता सरस्वती का भी प्रिय रंग है. इसके अलावा मां सरस्वती की पूजन के दौरान पीले रंग के चावल, पीले लड्डू और केसर की खीर का उपयोग करते हैं. माना जाता है कि इसलिए लोग पीले कपड़े पहनकर मां सरस्वती की पूजा करते हैं.
इस तरह करें मां सरस्वती की पूजा:-
बसंत पंचमी के दिन सुबह जल्दी ही स्नान कर लें. इसके बाद पीला, बसंती या सफेद रंग का वस्त्र धारण करें. पूजा के लिए मंदिर की साफ-सफाई कर लें. इसके बाद चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर उस पर मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित करें. देवी सरस्वती की मूर्ति पर चंदन का तिलक लगाकर केसर, रौली, हल्दी, चावल, और पीले फूल अर्पित करें. मां सरस्वती को श्वेत चंदन और पीले तथा सफ़ेद पुष्प दाएं हाथ से अर्पण करें. इसके बाद दही, मिश्री, हलवा, बूंदी या बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं. मां सरस्वती के मूल मंत्र ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः मंत्र का जाप करें. मां सरस्वती सच्चे दिल से पूजा करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती है. बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा करने से बुद्धि, ज्ञान और विद्या की प्राप्ति होती है.
यह भी पढ़ें: Basant Panchami 2021: आखिर बसंत पंचमी के दिन क्यों होती मां सरस्वती की पूजा, जानें इसका महत्व
बसंत पंचमी 2021 का मुहूर्त:-
हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस साल 16 फरवरी (मंगलवार) को बसंत पंचमी धूमधाम से मनाई जाएगी. इस साल बसंत पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6:59 बजे से 12: 35 बजे तक करीब 05 घंटे 36 मिनट का रहेगा.
इन मंत्रों का भी करें जाप:-
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥
Source : dalchand