Beauty Mantra: सुंदरता और आकर्षण बढ़ाने के लिए लोग महंगे-महंगे ब्यूटी प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते हैं. बावजूद इसके उन्हें मनचाहा परिणाम नहीं मिलता. लेकिन आज हम आपको ऐसे कुछ धार्मिक मंत्रों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका जाप कर आप खुद को सुंदर और आकर्षक बना सकते हैं. बता दें कि सुंदरता के धार्मिक मंत्रों में कई विभिन्न परंपराएं शामिल हैं जो व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक सुंदरता की दिशा में आगे बढ़ाता है. ये मंत्र विभिन्न धार्मिक साहित्यों और ग्रंथों से लिए गए हैं और विभिन्न संस्कृतियों में प्रचलित हैं. हम आपको यहां कुछ ऐसे धार्मिक मंत्र बता रहे हैं जो सुंदरता बढ़ाने के लिए प्रयोग किए जाते हैं.
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1. अयुर्वेद सुंदरता मंत्र
"यानि दिगंबरं पुरुषं यानि प्रच्छदंबरं.
या देवी सर्वभूतेषु या शक्तिरूपेण संस्थिता.."
क्या है इस मंत्रा का अर्थ
"यानि दिगंबरं पुरुषं" - जो पुरुष हैं और वे सभी दिशाओं (दिगंबर) में नग्न हैं.
"यानि प्रच्छदंबरं" - और जो वस्त्रों से ढँके हुए हैं (प्रच्छदंबर).
"या देवी सर्वभूतेषु" - वह देवी सम्पूर्ण भूतों में हैं.
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"या शक्तिरूपेण संस्थिता" - जो अपने शक्ति-रूप में स्थित हैं. इस मंत्र में एक देवी की महिमा, शक्ति, और आकृति का वर्णन किया गया है, जो सभी दिशाओं में नग्न और वस्त्रों से ढँकी हुई है, और जो सम्पूर्ण भूतों में अपनी शक्ति-रूप में स्थित है. यह मंत्र देवी की पूजा और भक्ति में उपयुक्त होता है और उसकी महत्वपूर्णता को स्थापित करता है.
2. वेद सुंदरता मंत्र
"यस्य साक्षात्कुरुते प्रबोधसंदेशं, द्वारं हिरण्मये परं वृजीकायः.
तमेव सत्यं त्वमेव सत्यं त्वमेव सत्यं त्वमेव सत्यं त्वमेव सत्यं."
इस मंत्र का अर्थ
"यस्य साक्षात्कुरुते प्रबोधसंदेशं" - जिसने अपने साक्षात्कार कर लिया है और जो प्रबोध का संदेश है,
"द्वारं हिरण्मये परं वृजीकायः" - जिसके द्वारा सभी विश्व का व्यापक अध्यात्मिक ज्ञान है, वह व्यक्ति ही हिरण्मय और परम वृजीकाय है.
"तमेव सत्यं त्वमेव सत्यं त्वमेव सत्यं त्वमेव सत्यं त्वमेव सत्यं" - तू ही सत्य है, तू ही सत्य है, तू ही सत्य है, तू ही सत्य है, तू ही सत्य है. इस मंत्र में जीवन के अद्वितीयता और परम सत्य की प्रतिपादना की गई है. यह व्यक्ति को अपने आत्मा के अद्वितीय और अमर स्वरूप का आध्यात्मिक अनुभव करने की प्रेरणा देता है और सत्य की प्राप्ति के लिए अद्वितीय पथ का सुझाव करता है.
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3. बुद्धिस्ट सुंदरता मंत्र
"गते गते पारगते पारसंगते बोधि स्वाहा."
"गते गते पारगते पारसंगते बोधि स्वाहा."
यह मंत्र बौद्ध धर्म से संबंधित है और गौतम बुद्ध के उपदेशों का हिस्सा है.
मंत्र का अर्थ
"गते गते" - चला गया, चला गया.
"पारगते" - पार हो गया.
"पारसंगते" - सब पार हो गया.
"बोधि" - बोध (ज्ञान).
"स्वाहा" - स्वाहा (समर्पण और आदर के भाव से). इस मंत्र के माध्यम से बताया जा रहा है कि संसार में संघर्ष की स्थिति से बाहर निकलने के लिए अन्तकाल में भी व्यक्ति को आत्मज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति के लिए अग्रसर होना चाहिए. यह उपदेश भव्यता की ओर एक प्रेरणा है और व्यक्ति को जीवन के सार्थकता की खोज में मदद करता है.
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4. हिन्दू सुंदरता मंत्र
"ॐ ह्रीं क्लीं आद्यालक्ष्म्यै नमः."
"ॐ ह्रीं क्लीं आद्यालक्ष्म्यै नमः."
इस मंत्र का अर्थ
"ॐ" - ब्रह्म की प्रतिष्ठा का प्रतीक.
"ह्रीं" - आद्य दिव्य शक्ति का प्रतीक, स्वर्गीय लक्ष्मी की उपासना के लिए प्रयुक्त.
"क्लीं" - क्लीं बीज मंत्र है, जो लक्ष्मी की कृपा और धन की प्राप्ति के लिए उपयोग होता है.
"आद्यालक्ष्म्यै" - जो प्रारंभ से ही लक्ष्मी हैं.
"नमः" - नमन, आदर, श्रद्धांजलि. इस मंत्र का जाप लक्ष्मी माता की कृपा, समृद्धि, और समृद्धि की प्राप्ति के लिए किया जाता है. यह मंत्र धन, समृद्धि, और आर्थिक सुरक्षा की प्राप्ति के लिए अत्यंत प्रसिद्ध है.
5. सिख सुंदरता मंत्र
"आपे बीरेपुरखअपि तारे तरीअपनी मेहरकरीअपना सिरधारी.."
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मंत्र का अर्थ
"आपे" - आप खुद.
"बीरेपुरखअपि" - बहुत बड़े, अत्यंत महान पुरुष भी.
"तारे तरी" - पार करा देते हैं, उबारा देते हैं.
"अपनी मेहरकरी" - अपनी कृपा से.
"अपना सिरधारी" - मेरे सर को सहारा देना. इस मंत्र में भगवान गुरु गोबिंद सिंह जी की महिमा और उनके महानता की प्रशंसा की जा रही है. यह मंत्र उनके दिव्य शक्ति और महान योगदान को स्तुति करता है और भक्त को उनके आदर्शों के प्रति प्रेरित करता है. इन मंत्रों का जाप व्यक्ति को आत्म-समर्थन, सुंदरता के विभिन्न पहलुओं की प्राप्ति, और आध्यात्मिक सुन्दरता की प्राप्ति में मदद कर सकता है, यह भी धार्मिक दृष्टिकोण से.
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Source : News Nation Bureau