Kamada Ekadashi 2024 कामदा एकादशी, जो वैशाख मास (अप्रैल-मई) में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को आती है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण एकादशी है. इस साल 18 अप्रैल, 2024 को शाम 0531 बजे से ये तिथि शुरू होगी जो 19 अप्रैल, 2024 को रात 0804 बजे तक रहेगी. ऐसे में कल कामदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. यह भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा का विशेष दिन माना जाता है. इस दिन, भक्त न केवल व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, बल्कि वे केले के पेड़ की भी पूजा करते हैं.
दशमी तिथि को 10 बार स्नान करने का महत्व
पवित्रता प्राप्ति दशमी तिथि को 10 बार स्नान करने से शरीर और मन शुद्ध होता है और पवित्रता प्राप्त होती है. यह व्रत की तैयारी के लिए आवश्यक माना जाता है.
पापों का नाश ऐसा माना जाता है कि दशमी तिथि को 10 बार स्नान करने से पिछले जन्मों के पापों का नाश होता है.
नकारात्मक ऊर्जा का नाश दशमी तिथि को 10 बार स्नान करने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है.
मन की शांति दशमी तिथि को 10 बार स्नान करने से मन शांत होता है और एकाग्रता बढ़ती है.
भगवान विष्णु की कृपा दशमी तिथि को 10 बार स्नान करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है.
दशमी तिथि को 10 बार स्नान करने की विधि
दशमी तिथि के दिन सूर्योदय से पहले उठें. स्वच्छ जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें. स्नान करते समय "ॐ गंगाय नमः" मंत्र का जाप करें. स्नान करने के बाद स्वच्छ और नए वस्त्र पहनें. भगवान विष्णु का ध्यान करें और उनसे व्रत को सफलतापूर्वक पूरा करने की प्रार्थना करें. दशमी तिथि को 10 बार स्नान करना ऑप्शनल है. अगर आप ऐसा करने में असमर्थ हैं, तो आप एक बार स्नान भी कर सकते हैं.
कामदा एकादशी व्रत के नियम
दसमी तिथि को दसमी तिथि के दिन दस बार स्नान करके स्वयं को शुद्ध करें. फिर, भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें.
एकादशी तिथि को एकादशी तिथि के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें. फिर, अपने घर में पूजा स्थान की सफाई करें और भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें.
पूजा विधि प्रातःकाल, भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को दीप, धूप, नैवेद्य, फल, फूल आदि अर्पित करें. फिर, "ॐ नमो नारायणाय" और "ॐ श्रीं लक्ष्मी नमः" मंत्रों का जाप करें. केले के पेड़ की पूजा करें. दिन भर व्रत रखें और केवल फलाहार करें. शाम को, दीप प्रज्वलित करें और भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की आरती उतारें. दूसरे दिन सुबह सूर्योदय के बाद व्रत का पारणा करें. फल, दूध और खीर का सेवन करें. दान-पुण्य करें और ब्राह्मणों को भोजन खिलाएं.
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.
(Disclaimer यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
ये भी पढ़ें Chanakya Niti For Success चाणक्य की ये 10 बातें गांठ बांध लें जीवन में सफलता चूमेगी आपके कदम
Source : News Nation Bureau