Benefits of Bichhiya : हिंदू धर्म में बिछिया पहनने का बेहद खास महत्व है, बिछिया को सोलह श्रृंगार में सबसे मुख्य माना जाता है. इसके साथ ही बिछिया विवाह का प्रतीक भी माना जाता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है, बिछिया पहनना क्यों महत्वपूर्ण होता है. इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण शामिल है. पौराणिक कथा के अनुसार, रामायण में रावण ने जब मां सीता का अपहरण किया था, तब उन्होंने पैर की अंगुली से अंगुठी को नीचे गिराया था, ताकि भगवान राम उन्हें खोज सकें. आमतौर पर बिछिया केवल चांदी की होती है, जो सुहागिन स्त्रियों के सुहाग की निशानी मानी जाती है. बिछिया केवल हिंदू धर्म में ही नहीं बल्कि मुसलिम महिलाएं भी पहनती हैं. तो ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि बिछिया पहनने का महत्व क्या है, इसके साथ ही बिछिया पहनने के बाद किन बातों का ध्यान विशेष रूप से रखना चाहिए.
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क्या है बिछिया पहनने का महत्व?
1. आयुर्वेद शास्त्र के अनुसार,दोनों पैरों की ऊंगलियों में बिछिया पहनना बेहद शुभ होता है, ये महिलाओं के गर्भवती होने में काफी मददगार होता है.
2.पैरों में बिछिया पहनना वैवाहिक जीवन दर्शाता है.
3.बिछिया एक तरीके से एक्यूप्रेशर का काम करता है, जो पैरों के तलवे से लेकर नाभि के लिए बेहद फायदेमंद होता है.
4.पैरों में बिछिया पहनना गर्भधारण में बेहद सहायक होता है.
5.अकसर आपने देखा होगा, कि बिछियां हमेशा चांदी के ही पहनें जाते हैं, क्योंकि इससे स्त्री का मन शांत रहता है और वह हमेशा एनर्जेटिक रहती हैं.
6.बिछिया पहनने से बल्ड का सर्कुलेशन ठीक रहता है.
7.बिछिया पहनने से महिलाओं को किसी काम में आलस नहीं आता है.
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बिछिया पहनते समय रखें इन बातों का ध्यान
1.सोने का बिछिया भूलकर भी न पहनें, हमेशा चांदी का ही बिछिया पहनें.
2.बिछिया अगर पहन रहीं हैं, तो ध्यान रखें कि वह कभी गुम न हो.
3.बिछिया न पहनें से पति के स्वास्थ्य पर इसका असर पड़ता है.
4.अगर आप बिछिया नहीं पहनती हैं, तो धन हानि होने की भी संभावना होती है.
5. बिछिया हमेशा दोनों पैरों की दूसरी और तीसरी अंगुली में पहनना चाहिए.
6.बिछिया अगर आप पहने रही हैं, तो ध्यान रखें कि बिछिया का रंग कभी काला नहीं होना चाहिए.