बेंगलुरू में इसाई समाज के गणमान्य व्यक्तियों के एक समूह ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए 1 करोड़ रुपये का दान दिया है. ये बात यहां कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री अश्वथ नारायण ने रविवार को कही. नारायण ने कहा, ईसाई समाज के कुछ लोगों ने राम मंदिर निर्माण के लिए 1 करोड़ रूपए का दान दिया है. दान देने वालों में मुख्य रूप से कारोबारी, शिक्षाविद्, मार्केटिंग से जु़ड़े प्रोफेशनल शामिल हैं. उपमुख्यमंत्री अश्वथ नारायण ने कहा कि भाजपा सबका साथ सबका विकास में विश्वास रखती है, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है. समावेशी पार्टी होने के चलते भाजपा अल्पसंख्यक समुदाय को भी साथ लेकर चलने में विश्वास करती है. इसाई समुदाय के प्रतिनिधि और कारोबारी रोनाल्ड कोलासो ने कहा कि समुदाय के लोग हमेशा देश हित और सामाजिक समरसता में भरोसा जताते रहे हैं. समुदाय के लोगों ने राज्य सरकार को क्रिस्चियन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन स्थापित करने के लिए 200 करोड़ का फंड देने के लिए भी धन्यवाद दिया. बता दें कि राम मंदिर के लिए फंड जुटाने का काम 27 फरवरी तक चलेगा.
इससे पहले केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए शनिवार को 11 लाख रुपये का योगदान दिया. उन्होंने श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के प्रतिनिधियों मोहन सिंह और राजेश पांडेय को 11 लाख रुपये का चेक सौंपा. मोहन सिंह बिहार और झारखंड के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के क्षेत्रीय कार्यवाह हैं और राजेश पांडेय दक्षिण बिहार आरएसएस के प्रचारक हैं. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए 11 लाख रुपये का योगदान कर वह बहुत खुश हैं.
उन्होंने कहा, मैं इलाहाबाद हाई कोर्ट में राम लला का वकील था, जहां हम केस जीते थे, यह बहुत अच्छा होता अगर मुझे सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले पर बहस करने का अवसर मिलता. हालांकि कानून मंत्री होने के नाते मैं इस मामले में बहस नहीं कर सकता था.
उधर, कांग्रेस सांसद और मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण के लिए एक लाख ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह रुपये का चंदा दिया. दिग्विजय ने चेक देने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपील की है कि चंदा एकत्रित करने का काम सौहार्दपूर्ण वातावरण में हो. साथ ही उन्होंने ये मांग भी की है कि विश्व हिंदू परिषद पुराने चंदे का लेखा-जोखा जनता के सामने रखे.
Source : IANS