Bhadli Navami 2022 Vivah Muhurt and Mahatva: हिंदू धर्म में भड़ली नवमी का विशेष महत्व होता है और कई क्षेत्रों में इसे भड़रिया नवमी या भड़ल्या नवमी के नाम से भी जाना जाता है. यह आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को होती है और विवाह के लिए यह एक शुभ समय व मुहूर्त होता है. खास बात है कि इस दिन शादी करने के लिए किसी प्रकार के पंचांग या शुभ मुहूर्त को देखने की जरूरत नहीं है क्यों कि यह एक अबूझ साया होता है. इस दिन आप बिना मुहूर्त के विवाह कर सकते हैं. आइए जानते हैं भड़ली नवमी पर शुभ विवाह मुहूर्त और महत्व.
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भड़ली नवमी 2022 विवाह मुहूर्त
इस साल भड़ली नवमी पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार, भड़ली अमावस्या को शाम साढ़े 6 बजे तक ही शुभ कार्य किए जा सकेंगे. इसके दो दिन बाद चातुर्मास प्रारंभ हो जाएगा, जिसमें 4 महीने तक कोई भी शुभ कार्य नहीं कर पाएंगे.
भड़ली नवमी 2022 शुभ योग
- पंचांग में शिव, सिद्ध और रवि तीनों ही योग मांगलिक और शुभ कार्यों के लिए उत्तम माने गए हैं.
- शिव योग: सुबह 09:01 बजे तक रहेगा.
- सिद्ध योग: सुबह 09: 01 बजे शुरू होगा और पूरे दिन रहेगा.
- रवि योग: 8 जुलाई को दोपहर 12:14 पर शुरू होगा और 9 जुलाई को शाम 05:30 बजे तक रहेगा.
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भड़ली नवमी 2022 महत्व
हिंदू धर्म में भड़ली नवमी को अबूझ मुहूर्त व अबूझ साया भी कहा जाता है. इस दिन कोई भी शुभ कार्य करने के लिए पंचांग देखने की जरूरत नहीं होती. यदि आप कोई मांगलिक कार्य करना चाहते हैं इस दिन कर सकते हैं. कई बार शादी के लिए शुभ मुहूर्त नहीं मिलता और यदि मिलता है तो उसके लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है. ऐसे में अबूझ मुहूर्त में विवाह किया जा सकता है. बता दें कि भड़ली नवमी के बाद 10 जुलाई से चातुर्मास शुरू हो रहा है जिसके बाद अगले चार महीने तक कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, सगाई, मुंडन या गृह प्रवेश नहीं किया जाता.