Bhadrapada Amavasya 2022 Upay: हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर माह के कृष्ण पक्ष की पंद्रहवी तिथि को अमावस्या के रूप में जाना जाता है. वहीं, भाद्रपद माह की अमावस्या 27 अगस्त, दिन शनिवार को पड़ रही है. भादों की अमावस्या पिठोरी और कुशोत्पाटिनी अमावस्या भी कहलाती है. हिन्दू धर्म में अमावस्या का अत्यधिक महत्व बताया गया है. अमावस्या तिथि को स्नान-दान, पूजा पाठ और पितृ तर्पण आदि के लिए अत्यंत शुभ फलदायी माना जाता है. साथ ही यह कुंडली के कई दोष जैसे- पितृ दोष, काल सर्प दोष के कारण होने वाले कष्टों से निजात पाने के लिए भी अहम होती है.
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पितृ दोष दूर करने का उपाय (Pitr Dosh Upay)
ऐसा माना जाता है कि अगर किसी व्यक्ति पर एक बार पितृ दोष पड़ जाए तो उसका जीवन भयंकर कष्टों से घिर जाता है. लिहाजा, जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी इसके निवारण हेतु उपाय अपना लेना चाहिए. वहीं, पितृ दोष से मुक्ति के लिए अमावस्या का दिन उत्तम माना गया है. ऐसे में भाद्रपद अमावस्या पर आप पितृ दोष से निजात पाने के लिए पवित्र नदियों में कुशा घास मिश्रित जल में तर्पण कर सकते हैं. इससे न सिर्फ पितृ प्रसन्न होंगे बल्कि पितृ दोष के कारण होने वाली समस्याओं जैसे- तरक्की-विवाह में बाधा आना, आर्थिक तंगी आदि से निजात मिल जाएगी.
कालसर्प दोष दूर करने का उपाय (Kaal Sarp Dosh Upay)
काल सर्प दोष जीवन में कई दुखों का कारण बनता है. इस दोष के कारण व्यक्ति ना तो तरक्की कर पाता है, ना ही उसके पास धन रहता है. ऐसे में भाद्रपद अमावस्या के दिन शिव मंदिर में चांदी के नाग-नागिन अर्पित करने या नदी में प्रवाहित करने से काल सर्प दोष दूर हो जाएगा और घर में सम्पन्नता का वास होगा.