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Bhagwan Jagannath Rath Yatra 2022 Halts at Majar: जब एक मुस्लिम भक्त के आगे झुकाया था भगवान जगन्नाथ ने सिर, आज भी इस मजार पर साक्षात दिखता है चमत्कार

Bhagwan Jagannath Rath Yatra 2022 Halts at Majar: ऐसा कहा जाता है कि भगवान जगन्नाथ का एक मुस्लिम भक्त था. जिसका नाम था सालबेग. वह हमेशा मंदिर में जाकर भगवान के दर्शन करता था.

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Gaveshna Sharma
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जब एक मुस्लिम भक्त के आगे झुकाया था भगवान जगन्नाथ ने सिर( Photo Credit : Social Media)

Bhagwan Jagannath Rath Yatra 2022 Halts at Majar: जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा 1 जुलाई से प्रारंभ हो चुकी है. इसका समापन 12 जुलाई को होगा. इसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ का दर्शन करने के लिए पुरी में उपस्थित होते हैं. पौराणिक मान्यता के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि एक बार बहन सुभद्रा ने अपने भाइयों से नगर घूमने की इच्छा व्यक्त की. तो उस समय बलराम और कृष्ण ने अपनी बहन सुभद्रा को रथ में बिठाकर नगर भ्रमण कराया था. इस भ्रमण के दौरान वे मौसी गुंडिचा देवी के घर भी 7 दिनों के लिए रुके थे. उसके बाद वहां से आगे यात्रा पूरी करके वापस पुरी आ गए. तभी से रथ यात्रा का शुभारंभ किया गया. रथ यात्रा के दौरान रथ 7 दिनों के लिए गुंड़िचा देवी मंदिर पर रोका जाता है. हजारों की संख्या में जुटे भक्त बड़े हर्षोल्लास के साथ रथ को खींचते हैं. ढोल नगाड़े बजाकर नृत्य करते हुए नगर का भ्रमण करते हैं.

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कुछ देर के लिए ठहरता है इस मजार पर रथ 

भक्त और भगवान का रिश्ता अटूट आस्था और विश्वास का होता है. भक्त हमेशा अपने भगवान से बड़ा होता है. यही सिद्ध करने के लिए भगवान जगन्नाथ का रथ अपने आप कुछ देर के लिए इस मजार पर रुक जाता है. ऐसा कहा जाता है कि भगवान जगन्नाथ का एक मुस्लिम भक्त था. जिसका नाम था सालबेग. वह हमेशा मंदिर में जाकर भगवान के दर्शन करता था. कुछ कारणवश वह भक्त, इच्छा होते हुए भी दर्शन के लिए मंदिर में नहीं पहुंच सका. श्री जगन्नाथ जी के उस भक्त की मृत्यु के बाद उसकी मजार बनाई गई. रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ जी का रथ अचानक उस मजार पर रुक गया और कुछ देर के लिए आगे नहीं बढ़ा.

उस समय लोगों ने उस भक्त की आत्मा की शांति के लिए भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना की. उसके बाद रथ का पहिया आगे बढ़ा. तभी से यह परंपरा है कि हर साल भगवान जगन्नाथ का रथ भक्त सालबेग की मजार पर कुछ देर के लिए रोका जाता है. 

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