भैया दूज या भाई दूज रक्षाबंधन की तरह भाई बहन के प्यार का त्यौहार है। इस दिन को कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। भैया दूज के दिन कायस्थ समाज चित्रगुप्त की पूजा करते हैं। इस बार 1 नवंबर को भैया दूज मनाया जाएगा।
इस दिन बहनें भाई को रोली और अक्षत लगाकर उनके उज्जवल भाविष्य की दुआ करती हैं। वहीं भाई भी उन्हें उपहार स्वरूप पैसे और सामान देते हैं। आज हम आपको इस त्यौहार के पीछे छिपी कहानी और इसका शुभ मुहूर्त बताने जा रहे हैं।
भाई दूज शुभ मुहूर्त 2016
भाई को टीका लगाने के शुभ मुहूर्त
सुबह 10.46 से दोपहर 12.10 तक लाभ।
दोपहर 12.10 से 13.34 तक अमृत।
दोपहर 14.59 से 16.23 तक शुभ।
रात्रि में 19.23 से 20.59 तक शुभ मुहूर्त।
भाई दूज के पीछे छिपी कहानी
शास्त्रों के अनुसार भाई दूज या भैया दूज को यम द्वितीया भी कहते हैं और इस दिन मृत्यु के देवता यमराज का पूजन किया जाता है। इस दिन बहनें भाई को तिलक लगाकर उन्हें लंबी उम्र का आशीष देती हैं।
ब्रजमंडल में इस दिन बहनें यमुना नदी में खड़े होकर भाईयों को तिलक लगाती हैं। इसके पीछे एक पौराणिक कथा है जिसके अनुसार इस दिन भगवान यमराज ने अपनी बहन यमुना को दर्शन दिया था, जो बहुत दिनों से उनसे मिलने के लिए व्याकुल थी।
अपने घर भाई के आगमन से यमुना बहुत खुश हुईं और भाई का स्वागत किया। जाते समय यमराज ने यमुना को वरदान दिया कि इस दिन जो भी भाई बहन के घर जाकर उससे तिलक लगवाएगा और उसके हाथों का बना भोजन खाएगा उसकी आयु बढ़ेगी और उसे यमलोग नहीं जाना पड़ेगा। तभी से भाई दूज मनाने की प्रथा की शुरुआत हुई।
Source : News Nation Bureau