अक्टूबर का त्योहारी मौसम जारी है. नवरात्रि और करवाचौथ के बाद लोगों को अब दिवाली का बेसब्री से इंतजार है. दिवाली के ठीक एक दिन बाद मनाया जाता है भाई दूज का त्योहार, जो इस साल 29 अक्टूबर को मनाई जाएगी. भाई-बहनों का खास त्यौहार भाई दूज (Bhai dooj) कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. रक्षाबंधन की ही तरह यह पर्व भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक है. हिंदू धर्म के अनुसार ऐसी धार्मिक आस्था है कि इस दिन बहन के घर भोजन करने से भाई की उम्र बढ़ती है. इस दिन यमराज बहनों की ओर से मांगी गई मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. ऐसे में इस भाई दूज के त्योहार को यम द्वितीया भी कहा जाता है.
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भाई दूज पर तिलक करने का यह है शुभ मुहूर्त
द्वितीय तिथि आरंभ समय- 29 अक्टूबर 6.13 am
द्वितीय तिथि समाप्त समय- 03:48 AM on Oct 30, 2019
तिलक मुहूर्त- 13.11 pm - 15.25 PM
विधि
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यम और यमुना सूर्यदेव की संतान हैं. यमुना समस्त कष्टों का निवारण करनेवाली देवी स्वरूपा हैं. उनके भाई मृत्यु के देवता यमराज हैं. यम द्वितीया के दिन यमुना नदी में स्नान करने और वहीं यमुना और यमराज की पूजा करने का बहुत महत्व है. इस दिन बहन अपने भाई को तिलक लगाकर उसकी लंबी उम्र के लिए हाथ जोड़कर यमराज से प्रार्थना करती है. स्कंद पुराण में लिखा है कि इस दिन यमराज पूजन करनेवालों को मनोवांछित फल मिलता है. धन-धान्य, यश एवं दीर्घायु की प्राप्ति होती है.
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अगर यमुना में न कर सकें स्नान तो ऐसे मनाएं त्योहार
भाईदूज के दिन भाई और बहन दोनों को मिलकर सुबह के समय यम, चित्रगुप्त, यम के दूतों की पूजा करनी चाहिए. इसके बाद सूर्यदेव के साथ ही इन सभी को भी अर्घ्य देना चाहिए.
यम की पूजा करते हुए बहन प्रार्थना करें कि हे यमराज, श्री मार्कण्डेय, हनुमान, राजा बलि, परशुराम, व्यास, विभीषण, कृपाचार्य और अश्वत्थामा इन आठ चिरंजीवियों की तरह मेरे भाई को भी चिरंजीवी होने का वरदान दें. प्रार्थना के बाद बहन अपने भाई का टीका करें, अक्षत लगाएं और भाई को भोजन कराएं. भोजन के पश्चात भाई यथाशक्ति बहन को उपहार या दक्षिणा दें.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो