Bhakt Apply Color to feet Before Visiting Jyotirlinga: भगवान शिव की महिमा अपरंपार है. उनकी पूजा शिवलिंग के रूप में की जाती है. माना जाता है कि भगवान शिव धरती के कुछ स्थानों पर खुद प्रकट हुए थे, जहां आज उन्हें ज्योतिर्लिंगों के रूप में पूजा जाता है. कुल 12 ज्योतिर्लिंगों में से, सभी ज्योतिर्लिंग का बहुत धार्मिक महत्व रखते हैं, इसलिए उनके दर्शन मात्र कर लेने से ही भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. कहा जाता है कि जो भक्त सभी ज्योतिर्लिंगों की यात्रा करता है, उसके जीवन से कष्ट दूर हो जाते हैं और उसे पुण्य की प्राप्ति होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने से पहले भक्तों को अपने पैरों पर रंग लगाना पड़ता है और ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती हैं. आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह.
पैरों में लगाया जाता है रंग
शिव के ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने से पहले भक्त अपने पैरों में रंग लगाते हैं. ये रंग हल्दी, सिंदूर या चन्दन से लगाया जाता है. इस रीति का अपना ही धार्मिक महत्व माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि शिव के दर्शन करने से पहले भक्त को अपने तन और मन की शुद्धि करनी पड़ती है और पैरों में रंग लगाने से भक्त का शुद्धीकरण होता है. ऐसा करने से उनके मन और दिमाग में शांति आती है और सकारात्मक ऊर्जा महसूस होती हैं. ये प्रक्रिया इस बात का संकेत देती है कि मनुष्य एक साधारण जीव है और उसे अहंकार त्यागकर भगवान को अपने आप समर्पित करना चाहिए.
ऐसे मिलता है पुण्य
माना जाता है कि पैरों में रंग से भक्त को पुण्य प्राप्त होता है. इसके पीछे ये धार्मिक विचार है कि जब कोई भक्त पैरों में रंग लगाता है और शिव दर्शन के लिए जाता है. तब इसी रंग के जरिए वह पवित्र धरती को स्पर्श करता है. ऐसा करने से भगवान और भक्त के बीच संबंध गहरा होता है और भक्त को पुण्य मिलता है. जो भक्त ऐसा करते हैं उनके जीवन में कोई कष्ट नहीं रहता और उन्हें कई पापों से भी मुक्ति मिलती है. भगवान शिव अपनी कृपा ऐसे भक्तों पर जरूर बरसातें हैं. जो भी भक्त शिव का नाम सच्चे मन से लेता है उसके सभी कष्ट एक बार में ही दूर हो जाते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)