Bhaum Pradosh Vrat October 2024: भौम प्रदोष व्रत मंगल ग्रह को कुंडली में मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इससे मंगल ग्रह के प्रकोप से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, हर महीने कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष का व्रत रखने की परंपरा है. वैदिक पंचांग के अनुसार इस महीने शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत मंगलवार के दिन आ रहा है, जिस कारण इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाएगा. प्रदोष काल में पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है. त्रयोदशी की तिथि कब प्रारंभ हो रही है और कब तक रहेगी ये सब आप पहले ही जान लें. इस दिन भगवान शिव के साथ हनुमान जी की पूजा करने से आपकी बड़ी से बड़ी परेशानी दूर हो सकती है.
भौम प्रदोष पूजा समय
भौम शुक्ल प्रदोष व्रत मंगलवार, अक्टूबर 15, 2024 को रखा जाएगी. त्रयोदशी की तिथि 15 अक्टूबर को 03 बजकर 42 मिनट से प्रारंभ होगी जो अगले दिन अक्टूबर 16, 2024 को 12:19 ए एम बजे तक रहेगी. पंचांग के अनुसार पूजा के लिए इस दिन आपको 2 घंटे 30 मिनट का ही समय मिलेगा. ये समय क्या है आप ये भी नोट कर लें.
प्रदोष पूजा मुहूर्त - 05:51 पी एम से 08:21 पी एम
भौम प्रदोष व्रत की पूजा विधि
पूजा सामग्री
- शिवलिंग
- 5 बेल पत्र
- धतूरे का फूल
- चंदन का पेस्ट
- चावल
- फूल
- घी का दीपक
- धूप, अगरबत्ती
- फल, मिठाई
- गंगाजल
- लाल रंग का ऊन का धागा
पूजा विधि
15 अक्तूबर को आप भौम प्रदोष के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें. इसके बाद, आपके घर में जो शिवलिंग है गंगाजल से उसे स्नान करवाएं, उस पर चंदन का लेप लगाएं और फिर जल, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर आदि से शिवलिंग का अभिषेक करें. अब पांच बेल पत्र चढ़ाने के बाद आप धतूरे का फूल चढ़ाएं और फिर अन्य फूल अर्पित करें.
भगवान शिव की मूर्ति के सामने अब आप घी का दीपक जलाएं. धूप और अगरबत्ती भी जलाएं. फल और मिठाई का नैवेद्य अर्पित करके ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें. शिवलिंग की परिक्रमा करके भगवान शिव से आशीर्वाद लें. ऐसा करने से आपकी भौम प्रदोष व्रत की पूजा विधि पूर्वक सम्पन्न हो जाएगी.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)