Bhaumvati Amavasya 2023 : साल की पहली अमावस्या दिनांक 21 मार्च दिन मंगलवार को है. इस दिन सुबह स्नान करने के बाद पूजा और दान करने का विशेष महत्व है. इस दिन पितरों को प्रसन्न करना बहुत ही शुभ माना जाता है. इससे घर परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है. कभी-कभी अंजाने में हमसे कुछ ऐसी गलतियां हो जाती हैं, जिससे पितृ लोग नाराज हो जाते हैं और घर की सुख-शांति भंग हो जाती है. वहीं पितृ दोष के कुछ ऐसे में संकेत हैं, जिनसे आप जानते सकते हैं, कि पितृ आपसे नाराज हैं. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में पितृ दोष को दूर करने के लिए कुछ उपायों के बारे में बताएंगे, जिन उपायों को करने से पितृ आपसे प्रसन्न हमेशा रहेंगे और आपकी घर की सुख-शांति भी बनी रहेगी.
भौमवती अमावस्या के दिन बन रहा है दो शुभ योग
इस दिन शुभ सुबह से लेकर 12:42 मिनट तक शुक्ल योग बन रही है.
शाम 05:25 मिनट से सर्वार्थ सिद्धि योग लग रहा है, जो अगले दिन सुबह तक रहने वाला है. इस दिन आप सुबह स्नान करने के बाद पितरों के लिए तर्पण करें और पिंडदान करें इससे पितृ दोष दूर हो जाता है.
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अगर आपसे पितृ हैं नाराज, तो ये है उनके नाराज होने के संकेत
1. पितरों के नाराज होने से संतान प्राप्ति का सुख नहीं मिलता है.
2. मेहनत करने के बाद भी आपके किसी भी काम में सफलता नहीं मिलती है और आपके हर काम में अड़चनें आती रहती है, तो इसका मतलब यह है कि पितृआपसे नाराज हैं.
3. परिवार में जब एक के बाद एक सदस्य बीमार होता रहता है, तो ये पितरों के नाराजगी का कारण है. इसलिए पितरों को शांत करने से ही मुक्ति मिलती है.
4. अगर आपसे पितृ नाराज हैं, तो परिवार में कभी सुख-शांति नहीं रहती है. हमेशा परिवार वालों के बीच वाद-विवाद होता रहता है.
5. जब पितृ लोग नाराज होते हैं, तो नौकरी या फिर बिजनेस में भी तरक्की नहीं मिलती है. आर्थिक नुकसान भी होता रहता है.
6. कई बार पितृ दोष के कारण मांगलिक कार्यों में भी अड़चनें आती रहती हैं. ऐसा कहा जाता है, पितर आपसे संतुष्ट नहीं है. इसके साथ ही आपके जीवन में कई प्रकार की बाधाएं आती रहती है.
पितृ दोष से पाना चाहते हैं छुटकारा, तो करें ये उपाय
1. भौमवती अमावस्या को गंगा नदी में स्नान करें. अगर नहीं कर सकते हैं, तो नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगा जल मिला लें. उसके बाद कुश लेकर पितरों को जल से तर्पण करें. ऐसा करने से पितृ तृप्त होते हैं, क्योंकि पितृ लोक में जल की कमी होती है. इसलिए उन्हें तर्पण करने से वह जल्द प्रसन्न होते हैं.
2. पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए भौमवती अमावस्या के दिन पितरों के लिए पिंडदान करें. उनका श्राद्ध करें, ब्राह्मणों को भोजन कराएं, कौए, गाय, पक्षियों को भी भोजन दें.
3. पितृ दोष से मुक्ति के लिए गौ दान करना चाहिए.