Bhavishya Malika 2025 Predictions: भविष्य मालिका में हमारे भविष्य को लेकर जो भी लिखा गया है वो किसी ना किसी रूप में अब तक सच होता आ रहा है. साल 2025 में क्या होगा इसकी भविष्यवाणी पहले ही की जा चुकी है. ऐसी महामारी दुनिया में आ सकती है जैसी कि कोरोना लोगों को झेलना पड़ा था. भविष्य में भारत और चीन के बीच युद्ध होने की संभावनाओं के बारे में भी इस पुस्तक में लिखा है. साल 2024 में और पिछले साल यानी 2023 को भविष्य मालिका में कृष्ण बद कहा गया है. इसमें ‘कृष्ण नंबर मसीहा’ 2023 को एक महत्वपूर्ण भूमिका में माना गया है और यह भी कहा गया है कि कलयुग में यह साल विशेष बदलाव लाने वाला है. इसे लेकर अलग-अलग काल गणना में 5124, 5126, और 5128 वर्ष का उल्लेख मिलता है, जिसका अर्थ है कि कलयुग के कई चक्र बीत चुके हैं. इसके अलावा पुरी के गजपति राजा ठाकुर श्री श्री श्री दिव्य सिंह देव द्वारा उनके राज चिह्न का 67वां अंक जारी किया गया है. मालिका में कहा गया है कि 67वें अंक की शुरुआत के बाद से ही समय बिगड़ने लगेगा और यह बुरा समय दुष्ट लोगों के लिए और भी कठिन होगा. हालांकि भक्तों को भी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा लेकिन उनकी जान को खतरा नहीं होगा.
ये भविष्यवाणियां अब तक हो चुकी हैं सच
अगर हम हालिया घटनाओं को देखें, तो 2018 से दुनिया भर में जंगलों में आग की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. मालिका में इस बात का जिक्र है कि मां हिंगुला भवानी का प्रकोप संसार में फैल जाएगा और ऐसे स्थानों पर आग लगेगी जहां कोई सोच भी नहीं सकता. पिछले वर्षों में अमेज़न, कनाडा और अमेरिका के जंगलों में बड़े पैमाने पर आग लग चुकी है. भविष्य मालिका में इसे गांवों के नष्ट होने का संकेत माना गया है और आग का कहर अनियंत्रित रूप से बढ़ता ही जा रहा है.
साल 2025 की भविष्यवाणियां (prophecy of Bhavishya Malika in 2025?)
भविष्य मालिका के अनुसार, 2025 में एक विशेष योग बनेगा. मीन राशि में बृहस्पति के योग से कई तरह के परिवर्तनों का संकेत मिलता है. यह भी कहा गया है कि इस वर्ष में 13 दिनों का पखवाड़ा आएगा जो पूरे संसार में उथल-पुथल मचा देगा. कई घटनाएं इस दौरान घटित होंगी और इसे लेकर मालिका में संकेत है कि जब 13 दिन का यह कठिन समय आएगा, तब पूरी दुनिया में तबाही मचेगी. मालिका में 2025 और 2035 के सालों को लेकर भविष्यवाणियां की गई हैं कि इन वर्षों में 7 ग्रहण एक ही साल में होंगे, जो पहले कभी नहीं हुआ है. इसके अलावा, यह भी कहा गया है कि इन घटनाओं के बाद सत्ययुग की शुरुआत होगी. मालिका में इसे ‘13 दिन का पखवाड़ा’ कहा गया है, जिसके आने से कालियुग समाप्ति की ओर बढ़ेगा और भगवान कल्कि का अवतरण होगा.
इस साल अमावस्या और संक्रांति भी कई बार आएगी और पांच ग्रहण 2024 में घटित होंगे. यह सभी संकेत कलियुग के अंत और सत्ययुग के आगमन के लिए माने गए हैं. मालिका में इस बात का भी उल्लेख है कि पानी की कमी और सूखे के कारण भूमि की उपजाऊ मिट्टी फटने लगेगी, जिससे कमल का फूल भी जल के अभाव में खिल नहीं पाएगा. भविष्यवाणियां संकेत करती हैं कि दुनिया के कठिन समय का दौर शुरू हो चुका है और आने वाले समय में और भी बड़े बदलाव और चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)