Bhavmvati Amavasya 2023 : भौमवती अमावस्या चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को पड़ता है. यह साल का पहला अमावस्या है और जो अमावस्या मंगलवार के दिन पड़ता है, उसे भौमवती अमावस्या कहा जाता है. भौमवती अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है और उसी दिन पंचक भी लगा है. इस दिन स्नान-दान का विशेष महत्व है. इस हनुमान जी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. तो ऐसे में आइए आज हम आपक अपने इस लेख में भौमवती अमावस्या कब है, इसके बारे में बताएंगे, साथ ही इस दिन स्नान-दान करने का क्या महत्व है, इस दिन कौन से दो शुभ योग बन रहे हैं.
जानें कब है भौमवती अमावस्या
चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि दिनांक 21 मार्च दिन मंगलवार को दोपहर 01:47 मिनट से लेकर रात 01:52 मिनट पर इसका समापन होगा.
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जानें क्या है, इस दिन स्नान-दान करने का शुभ मुहूर्त
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें. यानि कि सुबह 04 :49 मिनट से लेकर 05:37 मिनट तक है और पूरे दिन दान देने का कार्यक्रम चलता है.
इस दिन करें हनुमान जी की विशेष पूजा
इस दिन स्नान करने के बाद पितरों की विशेष पूजा की जाती है, उनको तर्पण किया जाता है. उसके बाद हनुमान जी की पूजा करें, इससे मंगल दोष से मुक्ति मिलती है. इस अमावस्या पर मंगल के बीज मंत्र का अव्य जाप करें या फिर उससे जुड़ी किसी भी वस्तु का दान करें. इससे मंगल दोष से मुक्ति मिल जाती है.
भौमवती अमावस्या बन रहा है दो शुभ योग
दिनांक 21 मार्च को शाम 05 बजकर 25 मिनट से लेकर अगले दिन दिनांक 22 मार्च को सुबह 06 बजकर 23 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. इसके बाद शुक्ल योग प्रारंभ हो जाएगा. इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12: 04 मिनट से लेकर 12:53 मिनट तक रहेगा. पूरे दिन पंचक रहेगा. पंचक दिनांक 19 मार्च से प्रारंभ हो जाएगा, जो नवरात्रि के दूसरे दिन तक रहेगा.
जानें क्या है इस अमावस्या का महत्व
इस दिन पितरों को प्रसन्न करे से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और साथ ही हनुमान जी की पूजा करने से सभी संकट दूर हो जाते हैं और आपकी सभी मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती है.
HIGHLIGHTS
- जानें कब है भौमवती अमावस्या
- इस दिन बन रहा है दो शुभ योग
- जानें क्या है इस अमावस्या का महत्व