Astrological Predictions : इस सृष्टि का नियम है कि जो उठता है वो गिरता है, हर चीज़ का पतन होता है. किस पार्टी की कुंडली में है जीत के योग? किन के नाम का लहराने वाला है परचम और क्या कहते है नेताओं के सितारे? किसी भी राजनीति में राजनीति की कुंडली उतनी महत्वपूर्ण नहीं होती है जितनी देश, काल, परिस्थिति की कुंडली महत्वपूर्ण होती है, देश और प्रकृति तय करता है कि वह किसको अपना नेतृत्व देना चाहती है. धर्म और अधर्म की जब बात होती है तो शुरू से देखा गया है कि भारत देश, सनातन धर्म प्रधान देश है. जब भी धर्म की हानि हुई है और अधर्म बड़ा है तब तब उस पर उस देश पर और पूरे राष्ट्र पर पूरे विश्व पर प्रभु की कृपा हुई है और प्राकृतिक की रक्षा हेतु भगवान ने किसी ने किसी रूप में जन्म लिया अवतार लिया है.
इस समय भारत की जो कुंडली है वो वृष लग्न की है और लग्न में वृष का राहु उच्च का बैठा हुआ है. दूसरे भाव में मिथुन राशि का मंगल है जो जो बैठा हुआ जो द्वादश का मालिक और सप्तम का मालिक होकर थर्ड भाव में चंद्रमा, बुद्ध, शुक्र और अगर चंद्र कुंडली आप देखेंगे तो चंद्रमा, बुद्धा, राहु और शुक्र लग्न में ही बैठा बृहस्पति दैत्य गुरु शुक्रचार्य के घर में बैठा, जो बहुत ही महत्वपूर्ण होता है.
राजनीति के लिए कारगर आपने देखा होगा की जब से देश आजाद हुआ है, देश में राजनीतिक अस्थिरता रही. राजनीतिक जो विकास होना चाहिए, चाहे आर्थिक दृष्टि को हो, चाहे व्यवसायिक दृष्टिकोण हो, चाहे आत्मक दृष्टि को चाहे विज्ञान का दृष्टिकोण हो, चाहे मेडिसिन का दृष्टिकोण हो, बहुत ही उतार चढ़ाव हुआ है. लेकिन जब शनि की प्रधानता आई है तो इसमें आपने देखा होगा कि शनि को कहते हैं कि न्यायाधीश की भूमिका में रहता है तो शनि न्याय करता है तो जीतने गलत तरीके के लोग होते हैं, उनको दंडित करने का काम करता है तो यह वर्ष खासतौर से शनि प्रधान देश है तो जो खासतौर से सनातन धर्म के लिए कार्य करेगा, जो धर्म की स्थापना के लिए कार्य करेगा, उस पार्टी का महत्त्व रहेगा.
भारत के जो प्रधानमंत्री हैं नरेंद्र मोदी जी की कुंडली वृश्चिक लग्न की कुंडली हैं. चंद्रमा नीच का हो करके चंद्रमा मंगल बैठा हुआ हैं, जो चंद्रमा भाग्येश हैं, कहते हैं की जब नौमेश और लग्नेस का युति बनता हैं तो प्रबल राजयोग बनता हैं. राजयोग में व्यक्ति की जो पावर होती 11 गुना बढ़ जाती है. व्यक्ति अगर गरीब घर में भी पैदा होता है तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उसकी पहचान बनती है और चंद्रमा चुकी मंगल के साथ मंगल है. मंगल की ही महादशा चल रही है और फरवरी से लेकर के इनकी जो दशा चल रही है, बहुत ही अच्छी है.
10 फरवरी 2024 से लेकर के 26 जून 2024 तक का जो कालखंड है, उसमें राष्ट्रीय नेतृत्व में भारत की कोई परिवर्तन का योग नहीं है. एक अलग रिकॉर्ड स्थापित होगा एक अलग रिकॉर्ड से पुनः यह जो सत्ता चल रहा है. सत्ता परिवर्तन हस्तांतरण का कोई योग नहीं बन रहा है. इस राजनीति में अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्त्व बढ़ेगा. इनकी कुंडली में चुकी चंद्रबाण नीच का होने के नाते कंट्रोवर्सी भी हो सकती है, लेकिन कंट्रोवर्सी को कायम करते हुए वो काफी आगे बढ़ेंगे और एक इनकी अलग पहचान बनेगी और जो दशम में इनका शुक्र और शनि है और शनि प्रधान देश है तो राजनीति परिवर्तन का कोई योग नहीं बन रहा है. जो यह सरकार चल रही है वही पुनः आगे बढ़ेगी और जो पूर्व इनका रिकॉर्ड है उसको तोड़ते हुए अच्छे रिकॉर्ड से अपना ये स्थापित करेंगे पूरा.
Source(News Nation Bureau)