Rahul Gandhi Horoscope: राहुल गांधी का जन्म दिल्ली में गुरुवार के दिन 18 जून 1970 में हुआ था. देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पोते होने के बावजूद राहुल गांधी को आजतक राजनीति में वो सफलता नहीं मिली जो इनके पूर्वजों ने देखी. राहुल गांधी को राजनीति विरासत में मिली है. वो बहुत मेहनत करते हैं, प्रचार-प्रसार करते हैं लेकिन बावजूद इसके इनके हाथ में सफलता नहीं लगती. ऐसे में न्यूज नेशन के एक्सपर्ट ने उनकी कुंडली को पढ़ा तो सामने आया कि राहुल गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चंद्र राशि एक ही है लेकिन उनकी लग्न कुंडली में ऐसा दोष है कि सबकुछ होते हुए भी उनके हाथों से सफलता कोसों दूर है. ये कुंडली दोष उनके जीवन पर हर तरह से प्रभाव डाल रहा है. क्या है ये कुंडली दोष, क्या राहुल गांधी कभी प्रधानमंत्री बन पाएंगे या नहीं आइए जानते हैं.
राहुल गांधी की कुंडली में क्या दोष है?
ज्योतिष के अनुसार, प्रधानमंत्री जैसे पद पर पहुंचने की सबसे ज्यादा संभावना वृश्चिक, सिंह और मेष राशि के लोगों की होती है. राहुल गांधी की चंद्र राशि वृश्चिक ही है. अगर कुंडली में आपकी इस राशि के साथ बाकि सब ग्रह नक्षत्र भी सही घर में विराजमान होते हैं तो थोड़ी मेहनत से भी बड़ी सफलता मिलती है. लेकिन राहुल गांधी की कुंडली में उच्च पद की सारी संभावनाएं होने के बादजूद उनके ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति के बुरे प्रभाव से उन्हे सफलता नहीं मिल पा रही.
राहुल गांधी की कुंडली में है शत्रुहंता योग लेकिन...
राहुल गांधी की कुंडली में सूर्य और मंगल की युति से शत्रुहंता योग बन रहा है. शत्रुहंता योग ज्योतिष शास्त्र में एक विशेष योग है, जो जन्म कुंडली में बनने पर जातक को अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने की शक्ति प्रदान करता है. इस योग के प्रभाव से व्यक्ति अपने विरोधियों और बाधाओं को आसानी से पार कर सकता है. लेकिन बावजूद इसके वो सफलता से काफी पीछे हैं. अब आप इसका कारण भी जान लें. दरअसल राहुल गांधी की कुंडली में शनि कमज़ोर स्थिति में विराजमान हैं. अगर आप इनकी लग्न कुंडली देखेंगे तो आपको दिखेगा कि शनि लग्नेश होकर नीच के हैं और सफलता के लिए लग्नेश की स्थिति मजबूत होना बहुत जरूरी होता है.
ज्योतिष के अनुसार, शनिदेव के नीच ग्रह में होने का मतलब यह है कि वे आपकी तरफ पीठ करके बैठे हैं. जिसका मतलब ये है कि लाख कोशिशों के बाद भी सफलता नहीं मिलेगी. हालांकि इनकी कुंडली में छठा भाव शत्रु का होता है और जब इस भाव में मंगल ग्रह या फिर नीच के शनि मौजूद होते हैं या फिर इनकी दृष्टि पड़ती है, तो इस योग का निर्माण होता है. यह योग शुभ योग माना जाता है, लेकिन राहुल गांधी की महादशा कमज़ोर है और जिस वजह से वो अपने विरोधियों को हराने में सफल नहीं होते. ज्यादा अच्छे से समझें तो देवगुरु बृहस्पति अपनी शत्रु राशि तुला राशि में दसवें भाव में बैठे हैं, जो करियर का भाव है इसलिए शत्रुहंता योग होने के बावजूद इन्हें लाभ नहीं हो पा रहा है.
राहुल गांधी को कब मिलेगी सफलता ?
एक्सपर्ट का कहना है कि राहुल गांधी की ग्रह-दशा पिछले कई सालों से अच्छी नहीं चल रही है, लेकिन 18 जून 2024 के बाद राहुल गांधी की जोरदार वापसी होने वाली है. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो 2024 के बाद इनके जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन आने की संभावना है. अभी राहुल 53 साल के हैं. ऐसा बताया जा रहा है कि 53 की आयु के बाद राहुल गांधी एक नया रूप लेकर आगे बढ़ेंगे और 55 वर्ष की अवस्था में सफलता की ओर तेजी से कदम बढ़ा सकते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau