Birth Certificate Rules: बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र पर माता-पिता का धर्म रजिस्टर होना जरूरी, ये हैं नियम 

Birth Certificate Rules: आइए जानते हैं कि भारत में जन्म प्रमाण पत्र के नए नियमों में बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र में माता-पिता का धर्म दर्ज कराना जरूरी है या नहीं.

author-image
Inna Khosla
New Update
Birth Certificate New Rules

Birth Certificate New Rules( Photo Credit : Social Media)

Advertisment

Birth Certificate Rules:  भारत में बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र पर माता-पिता दोनों के धर्म लिखे जाएंगे. यह नया नियम 11 अगस्त 2023 को लागू हुआ था, जब जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम, 2023 को संसद द्वारा पारित किया गया था. इससे पहले, केवल पिता का धर्म जन्म प्रमाण पत्र में दर्ज किया जाता था. नए नियमों के तहत, माता-पिता दोनों को जन्म पंजीकरण करते समय अपने-अपने धर्म का स्वयं घोषणा पत्र देना होगा. नए नियम के तहत माता-पिता दोनों को जन्म पंजीकरण करते समय अपने-अपने धर्म का स्वयं घोषणा पत्र देना होगा. घोषणा पत्र में उनके धर्म का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए. यह जानकारी जन्म प्रमाण पत्र में दर्ज की जाएगी. इस नए नियम के तहत जन्म सर्टिफिकेट के फॉर्म नंबर 1 में बर्थ रिपोर्ट में एक और कॉलम जोड़ा गया है. नवजात बच्चे के माता-पिता के धर्म से संबंधित डेटा इस कॉलम में भरा जाएगा.

कारण

1. लैंगिक समानता:

यह कदम लैंगिक समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है. पहले, केवल पिता का धर्म दर्ज किया जाता था, जो माँ की धार्मिक पहचान को कम महत्व देता था. अब, दोनों माता-पिता को समान अधिकार प्राप्त हैं और वे अपने बच्चे के धर्म के बारे में स्वतंत्र रूप से निर्णय ले सकते हैं.

2. धार्मिक स्वतंत्रता:

यह बदलाव धार्मिक स्वतंत्रता के सिद्धांत को भी मजबूत करता है. माता-पिता को यह चुनने की स्वतंत्रता है कि वे अपने बच्चे को कौन सा धर्म सिखाना चाहते हैं. यह बच्चे को बाद में अपने धर्म को चुनने की स्वतंत्रता भी देता है.

3. डेटा पूर्णता:

यह बदलाव जन्म डेटा को अधिक पूर्ण और सटीक बनाता है. धर्म एक महत्वपूर्ण सामाजिक-जनसांख्यिकीय कारक है, और इसका डेटा सरकारी योजनाओं और नीति निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. सटीक डेटा होने से सरकार बेहतर नीतियां बना सकती है जो सभी समुदायों की जरूरतों को पूरा करती हैं.

यह नियम पूरे भारत में लागू है. कुछ राज्यों ने अभी तक नए नियमों को अपने राज्य के कानूनों में शामिल नहीं किया है. अगर आप अपने बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र बनवाना चाहते हैं, तो आपको अपने स्थानीय जन्म पंजीकरण कार्यालय से नवीनतम जानकारी प्राप्त करनी चाहिए.

कुछ लोगों ने इस नए नियम पर आलोचना की है, यह कहते हुए कि यह धार्मिक विभाजन को बढ़ावा दे सकता है. दूसरों का तर्क है कि यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो लैंगिक समानता और धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देता है. बच्चे के जन्म का ये प्रमाण पत्र सरकारी पोर्टल सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम पर हमेशा डिजिटली उपलब्ध रहेगा. इस डिजिटल सर्टिफिकेट का इस्तेमाल अभिभावक एडमिशन या अन्य जगहों पर जन्म तिथि के प्रमाण के तौर पर दे सकते हैं. 

Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

ये भी पढ़ें: Shardiya Navratri 2024 Date: कब से शुरू होगी शारदीय नवरात्रि? जानें सही तिथि और घटस्थापना का मुहूर्त

Source : News Nation Bureau

Religion News in Hindi रिलिजन न्यूज Religion News Religion Birth Certificate Rules birth certificate birth certificate new rules
Advertisment
Advertisment
Advertisment