Advertisment

Rangbhari Ekadashi 2022: ब्रज की होली के बीच रंगभरी एकादशी का है अत्यंत खास महत्व... मंत्र, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त समेत जानें सभी जरूरी बातें

आइए जानते हैं रंगभरी एकादशी के मुहूर्त (Muhurat), मंत्र (Mantra), पूजा विधि (Puja Vidhi) एवं महत्व के बारे में.

author-image
Gaveshna Sharma
New Update
article collage 05

रंगभरी एकादशी है ब्रज होली का आधार स्तंभ, भोलेनाथ पर चढ़ता है गुलाल ( Photo Credit : Social Media)

Advertisment

Rangbhari Ekadashi 2022: रंगभरी एकादशी 14 मार्च​ के दिन सोमवार को है. पंचांग के अनुसार, रंगभरी एकादशी फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाते हैं. इस दिन ब्रज में हुरियारों की टोली निकलती है और पूरे ब्रज मंडल में रंगोत्सव का झांकी प्रदर्शन होता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, मथुरा- वृन्दावन में गुलाल वाली होली की शुरुआत इसी एकादशी से होती है. इस दिन भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती की पूजा करते हैं. आइए जानते हैं रंगभरी एकादशी के मुहूर्त (Muhurat), मंत्र (Mantra), पूजा विधि (Puja Vidhi) एवं महत्व के बारे में.

यह भी पढ़ें: Sindoor Science and Health Benefits: मांग में सिंदूर भरने से पति की ही नहीं बढ़ती है पत्नी की भी उम्र, जानें Blood Pressure और Migrane पर क्या होता है सिंदूर का असर

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस एकादशी को रंगभरी एकादशी कहने के पीछे एक और वजह भी है. माना जाता है कि जब भगवान शिव का माता पार्वती से विवाह हो गया था, तो वे उनको पहली बार फाल्गुन शुक्ल एकादशी तिथि को अपनी नगरी काशी लेकर आए थे. तब उनके गणों और भक्तों ने भगवान शिव और माता पार्वती का रंग गुलाल से स्वागत किया था. इस वजह से इसे रंगभरी एकादशी कहते हैं.

रंगभरी एकादशी 2022 पूजा मुहूर्त
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन शुक्ल एकादशी तिथि 13 मार्च को सुबह 10:21 बजे शुरु होकर 14 मार्च को दोपहर 12:05 बजे समाप्त हो रही है. 14 मार्च को रंगभरी एकादशी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात: 06:32 बजे से बन रहा है. ऐसे में आप भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा सर्वार्थ सिद्धि योग के प्रारंभ समय से कर सकते हैं. सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन है. सवार्थ सिद्ध योग के पूरे दिन होने के कारण आप सायं काल यानी कि शाम के वक्त भी माता पार्वती और भोलेनाथ की आराधना कर सकते हैं. 

रंगभरी एकादशी 2022 पूजा विधि एवं मंत्र
रंगभरी एकादशी को एक चौकी पर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना करें. फिर गंगाजल, गाय के दूध, बेलपत्र, भांग, धतूरा, मदार पुष्प, अक्षत्, फल, फूल, शहद, सफेद चंदन, शक्कर आदि भोलेनाथ को अर्पित करें. इस दौरान पंचाक्षर मंत्र ओम नम: शिवाय का जप करें. इसके बाद माता पार्वती की सिंदूर, कुमकुम, अक्षत्, फूल, फल, श्रृंगार सामग्री अर्पित करके पूजा करें. शिव और शक्ति को रंग गुलाल अर्पित करें. शिव चालीसा पाठ, शिव आरती, माता पार्वती की आरती करें. पूजा के समापन पर शिव-शक्ति से अपनी मनोकामना व्यक्त कर उसको पूर्ण करने की प्रार्थना करें.

यह भी पढ़ें: Amalaki Ekadashi 2022: आमलकी एकादशी पर करें ये खास उपाय, जीवन में खुशहाली और तरक्की पाएं

रंगभरी एकादशी पूजा से लाभ
1. रंगभरी एकादशी को शिव-पार्वती की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य बढ़ता है.

2. यदि आपके दांपत्य जीवन में समस्याएं हैं, तो रंगभरी एकादशी पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें. आपके कष्ट दूर होंगे.

3. रंगभरी एकादशी पर शिव-पार्वती की पूजा करने से अखंड सौभाग्य की भी प्राप्ति होती है. इसके लिए महिलाओं को माता पार्वती को श्रृंगार सामग्री अर्पित करनी चाहिए.

उप-चुनाव-2022 Rangbhari Ekadashi 2022 Rangbhari Ekadashi 2022 Date Rangbhari Ekadashi 2022 Muhurat Rangbhari Ekadashi 2022 Puja Mantra Rangbhari Ekadashi 2022 Puja Vidhi Benefits Of Rangbhari Ekadashi Rangbhari Ekadashi Vrat Importance
Advertisment
Advertisment
Advertisment