वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा उल्लास के साथ बुधवार को मनाई जाएगी। यह गौतम बुद्ध की जयंती है और उनका निर्वाण दिवस भी। इसी दिन भगवान बुद्ध को बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी।
पूरी दुनिया में करोड़ो लोग बौद्ध धर्म को मानते हैं और धूमधाम से इस दिन को मनाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि बुद्ध विष्णु के नौवें अवतार हैं। इसलिए यह दिन हिंदुओं के लिए पवित्र माना जाता है।
गौतम बुद्ध (जन्म 563 ईसा पूर्व-निर्वाण 483 ईसा पूर्व) विश्व महान दार्शनिक, वैज्ञानिक, धर्मगुरू और उच्च कोटी के समाज सुधारक थे। बुद्ध प्राचीनतम धर्मों में से एक महान बौद्ध धर्म के संस्थापक थे। उनका जन्म लुंबिनी में 563 ईसा पूर्व शाक्य कुल के राजा शुद्धोधन के घर मे हुआ था। उनकी मां का नाम महामाया था, जिनका सात दिन बाद निधन हुआ और उनका पालन महाप्रजापती गौतमी ने किया।
ये भी पढ़ें: केदारनाथ यात्रा 2017: जानें कैसे हुआ कायाकल्प और किस रास्ते से जल्द होंगे बाबा के दर्शन
पत्नी और बेटे को छोड़ दिया था
सिद्धार्थ शादी के बाद अपनी पत्नी और बेटे को छोड़कर संसार को दुखों से मुक्ति दिलाने के मार्ग की तलाश में निकल पड़े थे। सालों की कठोर साधना के बाद बोध गया (बिहार) में बोधी वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वह सिद्धार्थ गौतम से बुद्ध बन गए।
आज पूरी दुनिया में करीब 180 करोड़ बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं और यह बौद्ध जनसंख्या विश्व की आबादी का 25 फीसदी हिस्सा है।
ये भी पढ़ें: स्वाद ही नहीं सौंदर्य को भी बढ़ाता है सरसों तेल
बुद्ध पूर्णिमा पर कैसे करें पूजन
अलग-अलग देशों में वहां के रीति-रिवाज से पूजन होता है। इस दिन घरों को फूलों से सजाया जाता है और दीप जलाए जाते हैं। धर्मग्रंथों का लगातार पाठ करने के बाद बोधिवृक्ष की पूजा की जाती है। वृक्ष की जड़ में दूध और सुगंधित पानी डालते हैं और दीपक जलाते हैं।
गरीबों को दें खाना-कपड़े
बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए बुद्ध पूर्णिमा सबसे बड़ा त्योहार का दिन होता है। इस दिन कई तरह के समारोह समारोह आयोजित किए जाते हैं। इस दिन गरीबों को खाना और कपड़े दान देते हैं।
(IPL 10 की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
Source : News Nation Bureau