Buddha Purnima 2023 : धार्मिक ग्रंथो में वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को बुद्ध पूर्णिमा का पर्व पूरे धूम-धाम के साथ मनाया जाएगा. इस दिन गंगा स्नान करने से और पूजा पाठ करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. ऐसी मान्यता है कि गंगा में स्नान करने से तन, मन और व्यक्ति को सभी दुखों से मुक्ति मिल जाती है. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में बुद्ध पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने की मान्यताओं के बारे में बताएंगे, साथ ही पिंडदान करने की क्या मान्यता है.
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पिंडदान करने की ये है मान्यता
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो. बुद्ध पूर्णिमा यानी कि भगवान बुद्ध का जन्मोत्सव पर गंगा स्नान करने के कई फायदे हैं. इस दिन पिंडदान से लेकर तर्पण करने का खास महत्व है. इस दिन पूर्वजों को निमित्त काम से उनके मोक्ष की प्राप्ति के पूजा-अर्चना की जाती है.
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गंगा किनारे बैठकर करें ध्यान , जानें क्या है महत्व
1. बुद्ध पूर्णिमा के दिन गंगा किनारे बैठकर ध्यान करने का बहुत ही थास महत्व है. शास्त्रों के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से जीवात्मा की शुद्धि हो जाती है . इसलिए बुद्ध पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान अवश्य करें.
2. इस दिन अक्षय पुण्य की भी प्राप्ति होती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन पीपल के पेड़ की विशेष रूप से पूजा की जाती है, साथ ही सत्य विनायक व्रत भी रखा जाता है. सत्य विनायक व्रत रखने से सभी दरिद्रता दूर हो जाती है.
3. इस दिन अगर आप विधिपूर्वक पूजा करते हैं, तो अकाल मृत्यु का भय भी दूर हो जाता है.
4. रात्रि के समय दीप, धूप, फूल, अन्न और गुड़ से पूर्ण चंद्रमा की पूजा करें और जल अर्पित करें. साथ ही किसी योग्य ब्राह्मण को जल से भरा घड़ा दान करें.