Chaitra Amavasya 2022, Aate Ka Achook Upaay: पंचांग के मुताबिक, आज यानी कि 1 अप्रैल को चैत्र अमावस्या है. इसके अगले दिन यानी 2 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2022) की शुरुआत होगी जो 11 अप्रैल तक चलेगी. चैत्र अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान के बाद दान की परंपरा है. मान्यता है कि ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. इसके अलावा इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण किया जाता है. मान्यता है कि आज के दिन किया गया कोई भी उपाय किसी भी कार्य हेतु कभी विफल नहीं होता है. इसलिए आज हम आपको आटे का एक बेहद ही आसान और अचूक उपाय (White Flour Remedy On Chaitra Amavasya 2022) बताने जा रहे हैं जिसे अमावस्या के दिन दिन छिपे करने से न सिर्फ आपके बच्चे की पुरानी से पुरानी बीमारी दूर हो जाएगी बल्कि पितरों के भरपूर आशीर्वाद से घर में धन संपन्नता के साथ साथ समृद्धि और मान सम्मान भी आएगा.
संतान प्राप्ति के लिए
धार्मिक मान्यताओं कें मुताबिक चैत्र अमावस्या के दिन पितरों को प्रसन्न करने से संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है. वहीं, मान्यता यह भी है कि जब पितर नाराज होते हैं तो वे श्राप देते हैं. जिससे संतान से संबंधित समस्या आने लगती है. ऐसे में उन्हें प्रसन्न करने के लिए अमावस्या सबसे अच्छी तिथि होती है. इस दिन पितर को प्रसन्न करने के लिए सुबह स्नान के पश्चात उन्हें जल से तर्पण करें.
तर्पण के निमित्त जल में काला तिल जरूर मिलाना चाहिए. इसके अलावा पितरों की आत्मा की तृप्ति के लिए पिंडदान, ब्राह्मणों को दान, ब्राह्मणों को भोजन, भोजन का एक हिस्सा गाय और कौए को खिलाते हैं. माना जाता है कि पितर जब खुश होते हैं तो वंश में वृद्धि, सुख-समृद्धि और खुशहाल जीवन का आशीर्वाद देते हैं.
आर्थिक संमृद्धि के लिए
आर्थिक संमृद्धि के लिए भी अमावस्या तिथि खास मानी जाती है. ऐसे में चैत्र अमावस्या की शाम मां लक्ष्मी को प्रसन्न कर सकते हैं. इसके लिए घर के ईशान कोण में लाल बत्ती और घी का दीपक जलाएं. माना जाता है कि ऐसा करने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है. साथ ही धन-वैभव में भी वृद्धि होती है.
संतान की बीमारी दूर करने के लिए
अमावस्या के दिन आटे की गोलियां बनाकर मछली या किसी दूसरे जलीय जीव को खिलाने से संतान की सेहत में सुधार होता है और अगर आपके बच्चे को कोई बीमारी है तो वो भी धीरे धीरे खत्म होने लगती है. इसके अलावा, आटे की एक छोटी सी लोई लेकर उसमें गड्ढा करके तेल भरने के बाद बीमार बच्चे के ऊपर से 7 बार घुमाकर भगवान का स्मरण करते हुए बहते हुए नाले या नाली में बहाने से भी बच्चे की पुरानी से पुरानी बीमारी दूर हो जाती है. इस उपाय को स्वस्थ्य बच्चे के साथ भी कर सकते हैं इससे उस बच्चे को बीमारी का खतरा कभी नहीं बनेगा और बीमारी से मृत्यु का संकट भी टल जाएगा.